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एसएंडपी ने अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड को निगरानी से हटाया

Nilmani Pal
26 Feb 2023 2:16 AM GMT
एसएंडपी ने अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड को निगरानी से हटाया
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दिल्ली। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद से अडानी ग्रुप (Adani Group) की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई है. हालांकि, इस सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन अडानी ग्रुप के लिए एक राहत भरी खबर आई. ग्लोबल रेटिंग एजेंसी एसएंडपी (S&P) ने अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड को निगरानी से हटा दिया है. साथ ही रेटिंग एजेंसी ने कंपनी को BB+ रेटिंग दी है. माना जा रहा है कि इस खबर से अडानी ग्रीन के निवेशकों को टेंशन कम हो सकती है. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद से अडानी ग्रीन के शेयरों में भारी गिरावट आई है.

पिछले साल 14 दिसंबर को एजेंसी ने प्रोजेक्ट फाइनेंस ट्रांजेक्शन की रेटिंग के लिए अपने मानदंड में बदलाव किए थे. साथ ही अडानी ग्रीन एनर्जी को इस मानदंड के तहत निगरानी में रखा. एजेंसी ने अब कहा है कि उसने AGEL RG2 की अपनी समीक्षा पूरी कर ली है और हमारा मानना है कि कंपनी के प्रोजेक्ट हमारे मानदंडों को प्रभावित नहीं करते हैं. AGEL RG2 में तीन ऑपरेटिंग संस्थाएं शामिल हैं - वर्धा सोलर (महाराष्ट्र) लिमिटेड, कोडंगल सोलर पार्क लिमिटेड, औ अडानी रिन्यूएबल एनर्जी (RJ) लिमिटेड.

ये संस्थाएं 362.5 मिलियन डॉलर सीनियर सिक्योर्ड फिक्स्ड-रेट 20-वर्षीय बॉन्ड की सह-जारीकर्ता (co-issuers) और सह-गारंटर (co-guarantors हैं. तीन जारीकर्ता सामूहिक रूप से भारत के दो राज्यों में 570 मेगावाट स्थापित क्षमता के साथ 10 सोलर एसेट के पोर्टफोलियो का स्वामित्व और संचालन करते हैं. S&P ने कहा कि AGEL RG2 का कर्ज पूरी तरह से सुरक्षित है. रिंग फेंस्ड एसेट निवेशकों की सुरक्षा करती है. AGEL RG2 वर्तमान में अडानी समूह के लिए गवर्नेंस के जोखिमों और फंडिंग की चुनौतियों से प्रभावित नहीं है.

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद से अडानी ग्रीन के शेयरों में 70 फीसदी से अधिक की गिरावट आई है. इस वजह से निवेशकों के बीच डर पैदा हो गया है और इसका नतीजा बिकवाली के रूप में सामने आ रहा है. पिछले एक महीने में अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के शेयर करीब 74 फीसदी टूट चुके हैं. शुक्रवार को शेयरों में 5 फीसदी की गिरावट आई और यह 486.50 रुपये पर बंद हुआ. हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि अडानी ग्रुप की लिस्टेड सात कंपनियां 85 फीसदी ओवरवैल्यूड हैं. रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि अडानी समूह दशकों से स्टॉक हेरफेर और मनी लॉन्ड्रिंग में लगा हुआ है. इस रिपोर्ट के बाद से अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई है और कंपनियों का का मार्केट कैपिटलाइजेशन घटकर आधा हो गया.

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