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लखनऊ: लोकसभा चुनाव के लिए बने विपक्षी 'इंडिया' गठबंधन में अब बिखराव होने लगा है। अपना दल (कमेरावादी) के बाद अब जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट) ने भी समाजवादी पार्टी का साथ छोड़ दिया है।
घोसी से टिकट न मिलने से नाराज जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट) ने अकेले दम चुनाव लड़ने का फैसला किया है। पार्टी के अध्यक्ष डॉ. संजय सिंह चौहान ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि सपा मुखिया अखिलेश यादव बात तो पीडीए की कर रहे हैं, लेकिन पीडीए के जनाधार वाले नेताओं की अनदेखी कर रहे हैं, सीट नहीं दे रहे हैं। कौन इनके साथ रहेगा।
चौहान ने कहा कि 2019 में पार्टी सपा के साथ रही और वह चौंदौली से मामूली अंतर से हार गये थे। उन्होंने कहा कि अब अखिलेश और 'इंडिया' गठबंधन से कोई बात नहीं होगी। हमारी पार्टी अब अकेले दम पर चुनाव लड़ेगी। फिलहाल 14 सीटों पर हमने उम्मीदवार तय कर दिए हैं। अब अपनी विचार धारा को मजबूत करते हुए। अकेले ही चुनाव लड़ने की ठानी है। घोसी से वह खुद चुनाव लड़ेंगे।
जनवादी पार्टी का सपा से वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में गठबंधन हुआ था। सपा ने संजय सिंह चौहान को चंदौली लोकसभा सीट से अपने चुनाव चिह्न पर उतारा था। किंतु वह 13,959 वोटों से भाजपा से हार गए थे। इस बार वह घोसी लोकसभा सीट से टिकट मांग रहे थे। सपा ने राजीव राय को टिकट दिया है। इसी से वह नाराज चल रहे थे। उन्होंने सपा से गठबंधन तोड़ने की घोषणा की।
गौरतलब है कि पहले राष्ट्रीय लोकदल ने सपा से नाता तोड़ भाजपा के साथ हांथ मिला लिया है। अब वह दो सीटों पर चुनाव लड़ रही है। ऐसे ही अपना दल कमेरावादी ने उपेक्षा का आरोप लगाया है। अब जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट) ने भी सपा से नाता तोड़ अकेले चुनाव मैदान में उतरने का निर्णय हुआ।
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