मुसलमानों को सत्ता में हिस्सेदारी नहीं देना चाहतीं है सपा-बीएसपी : असदुद्दीन ओवैसी
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव होने में अभी वक्त है लेकिन गठबंधन और सियासी दोस्ती का सिलसिला शुरू हो चुका है. शुक्रवार को AIMIM ने कहा कि बीजेपी को हराने के लिए पार्टी बसपा और अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी से गठबंधन करना चाहती थी लेकिन उन्होंने मना कर दिया. AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि ये पार्टियां मुसलमानों का वोट तो चाहती हैं लेकिन उन्हें सत्ता में हिस्सेदारी देना नहीं चाहतीं. उन्होंने कहा कि फिर भी AIMIM कुछ क्षेत्रीय पार्टियों के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी. सपा के नेता भी एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी पर जमकर हमला कर रहे हैं. 29 नवंबर को समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के प्रदेश अध्यक्ष अबू आसिम आज़मी ने एआईएमआईएम के अध्यक्ष आवैसी पर हमला करते हुए कहा था कि बीजेपी के लिये कुछ पार्टियां एजेंट का काम कर रही हैं और यूपी में वोट काटकर बीजेपी को फायदा पहुंचाने की कोशिश कर रही हैं.
उन्होंने कहा कि बिहार में कुछ वोट कट जाने की वजह से बिहार में लालू की सरकार नहीं बन सकी जबकि बंगाल में वहां के लोगों ने समझदारी दिखाई मैं उनको सैल्यूट करता हूं. आज़मी ने कहा कि बन्दूक की नोक पर कोई समझौता नहीं हो सकता है, जिसको समझौता करने लायक समझती है उसी से समझौता करती है. जो पार्टियां सेक्लयुर हैं. सभी समाज को साथ लेकर चलती हैं, समाजवादी पार्टी उनसे समझौता करती है.
ओवैसी ने उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में बीते रविवार को कहा था कि भारतीय जनता पार्टी को जिन्ना (पाकिस्तान के पहले गवर्नर जनरल मोहम्मद अली जिन्ना) और पाकिस्तान से इतना प्यार है कि हम किसानों के लिए गन्ना-गन्ना कर रहे हैं और आरएसएस-बीजेपी जिन्ना-जिन्ना कर रही है. ओवैसी ने कहा था, "उतर प्रदेश में गाय की तो इज्जत है लेकिन मुसलमानों की नहीं, गाय को इंसानों से बड़ी इज्जत दी जाती है." ओवैसी ने बीजेपी को झूठ की फैक्ट्री बताते हुए कहा था, "बीजेपी झूठ पैदा करती है और ऐसा पेश करती है कि लोग झूठ को सच मान लेते हैं." उन्होंने कहा था, "चीन भारत की जमीन पर बैठा है लेकिन इन लोगों को शर्म नहीं आती है."