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दक्षिण-पश्चिम मानसून के 31 मई को केरल तट से टकराने की संभावना, मौसम विज्ञान विभाग का अनुमान

Deepa Sahu
27 May 2021 5:14 PM GMT
दक्षिण-पश्चिम मानसून के 31 मई को केरल तट से टकराने की संभावना, मौसम विज्ञान विभाग का अनुमान
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दक्षिण-पश्चिम मानसून के 31 मई को केरल तट से टकराने की संभावना, मौसम विज्ञान विभाग का अनुमान

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून (Southwest Monsoon) के 31 मई को केरल तट (Kerala Coast) से टकराने की संभावना है. अगर ऐसा होता है तो दक्षिणी राज्य में मानसून समय से पहले पहुंच जाएगा. गुरुवार को मानसून मालदीव-कोमोरिन क्षेत्रों के कुछ और हिस्सों में आगे बढ़ा और बंगाल की खाड़ी के अधिकांश दक्षिण-पूर्व और पूर्व-मध्य क्षेत्रों को कवर किया. जैसे-जैसे मानसून के लिए अनुकूल परिस्थितियां बन रही हैं, केरल के कई इलाकों में इस सप्ताह की शुरुआत से लगातार हल्की से मध्यम-तीव्रता वाली बारिश हो रही है. एर्नाकुलम, अलाप्पुझा, कोट्टायम, इडुक्की, पठानमथिट्टा और तिरुवनंतपुरम जिलों में 24 घंटे में 19 मिमी से 115 मिमी के बीच बारिश दर्ज की गई.

मार्च से मई की अवधि के बीच देश भर में 15 प्रतिशत अधिक बारिश हुई. पूर्वोत्तर राज्यों, जम्मू और कश्मीर और लद्दाख को छोड़कर, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चल रहे प्री-मानसून सीजन के दौरान सामान्य या सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई है. आईएमडी केरल में मानसून की शुरुआत की घोषणा तब करता है जब 10 मई के बाद किसी भी समय लगातार दो दिनों के लिए 14 मौसम स्टेशनों से 2.5 मिमी या उससे अधिक की बारिश दर्ज की जाती है. अन्य कारकों में पवन क्षेत्र और दक्षिण पूर्व अरब सागर के ऊपर बने आउटगोइंग लॉन्गवेव रेडिएशन शामिल हैं.
'अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह में 30 मई तक भारी बारिश'
अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह के कुछ हिस्सों में 30 मई तक भारी बारिश हो सकती है. आईएमडी ने गुरुवार को यह जानकारी दी. मौसम विभाग ने अगली सूचना तक मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी है. द्वीपसमूह में बृहस्पतिवार, शुक्रवार, शनिवार और रविवार को एक या दो स्थानों पर सात से 11 सेंटीमीटर की भारी बारिश हो सकती है. मौसम वैज्ञानिकों के अनुमान के मुताबिक, बादल गरजने और बिजली चमकने के साथ ही इस दौरान द्वीपसमूह में 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं.
चक्रवात के बाद घरों में भर गया पानी
पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में गुरुवार को भी बारिश जारी रहने के बीच सैकड़ों लोगों ने शिकायत की कि उन्हें भूखे सोना पड़ रहा है क्योंकि चक्रवात के बाद उनके घरों में पानी भरा हुआ है. चक्रवात 'यास' बुधवार को ओड़िशा में धामरा के समीप तट पर पहुंचा था. उसने ओड़िशा एवं बंगाल में भारी तबाही मचाई और फिर झारखंड की ओर आगे बढ़ गया. अधिकारियों ने बताया कि प्रशासन जरूरतमंदों तक पहुंचने की भरसक कोशिश कर रहा है लेकिन प्रतिकूल मौसम के कारण कुछ क्षेत्रों में राहत कार्य में बाधा आ रही है.
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