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सोनिया, खड़गे और अधीर रंजन राम मंदिर उद्घाटन में नहीं जाएंगे, बीजेपी बोली- रावण की मति मारी गई थी, उसी तरह…

10 Jan 2024 9:49 PM GMT
सोनिया, खड़गे और अधीर रंजन राम मंदिर उद्घाटन में नहीं जाएंगे, बीजेपी बोली- रावण की मति मारी गई थी, उसी तरह…
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नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को होने वाले राम मंदिर अभिषेक समारोह में शामिल नहीं होंगे. उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का निमंत्रण अस्वीकार कर दिया है. भाजपा ने इस कदम के लिए बुधवार को कांग्रेस की आलोचना की. भगवा पार्टी ने कहा कि …

नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को होने वाले राम मंदिर अभिषेक समारोह में शामिल नहीं होंगे. उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का निमंत्रण अस्वीकार कर दिया है. भाजपा ने इस कदम के लिए बुधवार को कांग्रेस की आलोचना की. भगवा पार्टी ने कहा कि जैसे त्रेता युग में 'रावण की मति मारी गई थी', उसी तरह कांग्रेसी भी अपना दिमाग खो चुके हैं.

कांग्रेस ने बुधवार को घोषणा की कि मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी ने राम मंदिर प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के निमंत्रण को 'सम्मानपूर्वक अस्वीकार' कर दिया है, और आरोप लगाया कि भाजपा और आरएसएस ने इसे 'चुनावी लाभ' के लिए 'राजनीतिक कार्यक्रम' बना दिया गया है.

इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता नलिन कोहली ने एक समाचार एजेंसी से कहा, 'कांग्रेस आधिकारिक तौर पर कह रही है कि उसके वरिष्ठ नेता 22 जनवरी को अयोध्या में नहीं होंगे, इसमें कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए. क्योंकि पिछले कुछ दशकों में कांग्रेस ने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया, जिससे कहा जा सके कि वह अयोध्या में मंदिर बनते देखना चाहती हो'.

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि वास्तव में कांग्रेस नीत पूर्ववर्ती यूपीए सरकार ने भगवान राम के अस्तित्व को नकारने के लिए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक हलफनामा दायर किया था. उन्होंने कहा, 'वे कभी भी इस मुद्दे की जल्द सुनवाई नहीं चाहते थे. अब जब वहां एक मंदिर बन गया है, तो वे कह रहे हैं कि अयोध्या नहीं जाएंगे. वे कभी नहीं चाहते थे कि वहां मंदिर बने'.

नलिन कोहली ने कहा कि कांग्रेस का यह आरोप कि यह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का कार्यक्रम है, महज एक बहाना है. भाजपा नेता ने कहा, 'वास्तव में, यह कांग्रेस पार्टी की अपनी सोच से मेल नहीं खाता है. अगर भगवान राम में उनकी आस्था होती तो वे अयोध्या में होते. दुनिया और देशभर में लाखों भारतीयों के उत्साह में शामिल होते'.

भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने भी निमंत्रण अस्वीकार करने के लिए कांग्रेस नेताओं की खिल्ली उड़ाते हुए कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासन में आज भारत में त्रेता युग का राम राज्य वापस आ गया है. जो लोग 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के अभिषेक समारोह में शामिल नहीं होंगे वे जीवन भर पश्चाताप करेंगे'. मनोज तिवारी ने राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा कांग्रेस नेताओं को निमंत्रण देने पर आश्चर्य व्यक्त किया.

उन्होंने कांग्रेस का नाम लिए बिना कहा, 'जो अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण नहीं चाहते थे और यहां तक कि अदालत में एक हलफनामा दायर कर भगवान राम को एक काल्पनिक व्यक्ति बताया. फिर भी उन्हें आमंत्रित किया गया. इसके बावजूद उनका दिमाग खराब हो गया है. त्रेता युग में रावण ने भी अपना दिमाग खो दिया था. शास्त्रों के अनुसार, कलियुग के तुरंत बाद त्रेता युग शुरू होगा. मुझे लगता है कि नरेंद्र मोदी के समय में ही इसकी (त्रेता युग) शुरुआत हो चुकी है. यह राम राज्य की शुरुआत है'.

विपक्ष के इस आरोप पर कि भाजपा लोकसभा चुनाव जीतने के लिए राम मंदिर अभिषेक समारोह का राजनीतिक उपयोग कर रही है, मनोज तिवारी ने कटाक्ष किया और कहा, 'विपक्षी दल भगवान राम का भी इस्तेमाल कर सकते हैं, अगर इससे उन्हें चुनाव में मदद मिलती है'. भाजपा सांसद ने चुटकी लेते हुए कहा, 'सोनिया जी हिंदी में या इटैलियन में ही भजन गाएं, उनको किसने रोका है'.

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