भारत
सोनिया गांधी का मोदी सरकार को पत्र, बोली- 'कोरोना से माता-पिता खो चुके बच्चों को मिलनी चाहिए मुफ्त शिक्षा'
Deepa Sahu
20 May 2021 9:29 AM GMT
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कोरोना महामारी कई परिवारों पर कहर बनकर टूटा है.
कोरोना महामारी कई परिवारों पर कहर बनकर टूटा है. इस बीमारी ने कई परिवारों के एकमात्र कमाने वाले इंसान को छीन कर कई घरों की खुशियां छीन लीं. कोरोना के कारण किसी के सिर से पिता का साया तो किसी से मां का आंचल छिन गया. ऐसे में सोनिया गांधी ने इन अनाथ बच्चों को हरसंभव मदद पहुंचाने के लिए पीएम को पत्र लिखा है.
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर उन बच्चों को नवोदय विद्यालय में मुफ्त शिक्षा देने पर विचार करने का अनुरोध किया, जिन्होंने कोविड संक्रमण के इलाज के दौरान अपने माता-पिता या परिवार के एक कमाने वाले सदस्य को खो दिया है उन्होंने पत्र में कहा, "जैसा की आप जानते हैं कि कोरोना के इस लहर ने कितने ही लोगों का परिवार तबाह कर दिया है. महामारी के कारण हुई तबाही और प्रभावित परिवारों द्वारा झेली जा रही दिल दहला देने वाली त्रासदियों के बीच, इस संक्रमण से अपने दोनों माता-पिता को खोने वाले छोटे बच्चों की खबर सबसे मार्मिक है. इनके शिक्षा या भविष्य की चिंता करने वाला कोई नहीं है."
Congress interim chief Sonia Gandhi wrote to PM Modi requesting him to consider providing free education in Navodaya Vidyalaya to children who lost both of their parents or an earning member of the family pic.twitter.com/cgPUP8rlSm
— ANI (@ANI) May 20, 2021
देशभर में नवोदय के 661 सकूल
सोनिया कहती हैं जैसा कि आप जानते हैं, मेरे पति राजीव गांधी की सबसे महत्वपूर्ण विरासतों में से एक नवोदय विद्यालय का नेटवर्क है. मेरे पति का सपना था कि गांव में रहने वाले बच्चों को कम खर्च में बेहतर शिक्षा दे सकें और फिलहाल पूरे देश में नवोदय के 661 सकूल हैं. सोनिया ने आगे लिखा कि मैं यह पत्र आपसे अनुरोध करने के लिए लिख रहा हूं ताकि आप इस महामारी में अपना सबकुछ खो चुके बच्चों को नवोदय विद्यालयों में मुफ्त शिक्षा प्रदान करने पर विचार करें. उन बच्चों को शिक्षा का अवसर मिलना चाहिए जिन्होंने कोविड -19 महामारी के कारण माता-पिता या कमाई करने वाले सदस्य को खो दिया है. सोनिया ने कहा, 'मुझे लगता है कि एक राष्ट्र के रूप में, हम उन पर अकल्पनीय त्रासदी के बाद एक मजबूत भविष्य की आशा देने के लिए उनके ऋणी हैं."
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