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सोनिया गांधी का मोदी सरकार पर हमला, जानें बड़ी बातें

jantaserishta.com
13 May 2022 10:52 AM GMT
सोनिया गांधी का मोदी सरकार पर हमला, जानें बड़ी बातें
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नई दिल्ली: राजस्थान के उदयपुर में शुक्रवार से कांग्रेस का तीन दिवसीय चिंतन शिविर शुरू हो गया. चिंतन शिविर के पहले दिन पार्टी आलाकमान सोनिया गांधी ने पदाधिकारियों को संबोधित किया और पार्टी के रोडमैप का खांका खींचा. उन्होंने पार्टी से नाराज लोगों को खुलकर संवाद करने की बात कही. साथ ही बीजेपी और आरएसएस पर जमकर निशाना साधा. आइए जानते हैं सोनिया गांधी के संबोधन की 10 बड़ी बातें...

1- उदयपुर में कांग्रेस के 'चिंतन शिविर' में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि भाजपा और RSS की नीतियों के कारण देश जिन चुनौतियों का सामना कर रहा है, उस पर विचार करने के लिए ये शिविर एक बहुत अच्छा अवसर है. ये देश के मुद्दों पर चिंतन और पार्टी के सामने समस्याओं पर आत्मचिंतन दोनों ही है.
2- सोनिया ने कहा कि ऐसा माहौल पैदा किया गया है कि लोग लगातार डर और असुरक्षा के भाव में रहें. अल्पसंख्यकों को शातिर तरीके से क्रूरता के साथ निशाना बनाया जा रहा है. अल्पसंख्यक हमारे समाज का अभिन्न अंग हैं और हमारे देश के समान नागरिक हैं.
3- पार्टी आलाकमान ने कहा, 'अधिकतम शासन, न्यूनतम सरकार' से क्या मतलब है? इसका अर्थ है कि देश को ध्रुवीकरण की स्थायी स्थिति में रखना, लोगों को लगातार भय और असुरक्षा की स्थिति में रहने के लिए मजबूर करना है.
4- सोनिया ने कहा कि आज राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाया जा रहा है, जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है. इतिहास को फिर से लिखने की कोशिश की जा रही है. ये लोग महात्मा गांधी के हत्यारे का महिमामंडन कर रहे हैं और गांधी के सिद्धांतों को मिटा रहे हैं.
5- उन्होंने कहा कि देश के पुराने मूल्यों को खत्म किया जा रहा है कि दलित आदिवासी और महिलाओं में असुरक्षा का माहौल है. देश में डर का माहौल बनाया जा रहा है. देश में लोगों को लड़ाने का बीजेपी लगातार प्रयास कर रही है.
6- उन्होंने कहा कि हर संगठन को जीवित रहने के लिए और बढ़ाने के लिए भी समय-समय पर परिवर्तन लाना चाहिए. हमें सुधारों की सख्त जरूरत है. रणनीति में बदलाव और रोजाना काम करने के तरीके में परिवर्तन करने की जरूरत है. ये सबसे बुनियादी मुद्दा है.
7- सोनिया ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का उद्धार सिर्फ सामूहिक प्रयास से ही हो सकता है. पार्टी के लिए सामूहिक प्रयास ना टाले जा सकते हैं और ना टाले जाएंगे. इस दिशा में ये शिविर एक प्रभावशाली कदम है.
8- हाईकमान ने कहा कि हमारे लंबे सुनहरे इतिहास में आज ऐसा समय आया है कि हमें अपने निजी हितों को संगठन के अधीन रखना होगा. पार्टी ने हमें बहुत कुछ दिया है, अब समय है पार्टी के कर्ज को उतारने का.
9- पार्टी के पदाधिकारी अपने विचार खुलकर रखें, लेकिन बाहर सिर्फ एक ही संदेश जाना चाहिए. उनका ये संदेश पार्टी असंतुष्ट लोगों के लिए भी था.
10- जनता की हम से जो उम्मीदें हैं, हम उससे अंजान नहीं हैं. इसी उम्मीद पर खरा होने के लिए आज हम एकत्रित हुए हैं.









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