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भारत जोड़ो यात्रा पर बोली सोनिया गांधी, पिछले 75 साल में आजादी के बाद हुए कई बदलावों का भी किया जिक्र

Nilmani Pal
14 Sep 2022 8:11 AM GMT
भारत जोड़ो यात्रा पर बोली सोनिया गांधी, पिछले 75 साल में आजादी के बाद हुए कई बदलावों का भी किया जिक्र
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कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा एक तरफ कन्याकुमारी से कश्मीर की तरफ आगे बढ़ रही है तो वहीं दूसरी तरफ स्वास्थ्य कारणों से यात्रा में शामिल न हो पाईं सोनिया गांधी यात्रा की हौसला अफजाई कर रही हैं. कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अब एक लेख लिखकर देश के लोगों को संबोधित किया है. उन्होंने पिछले 75 साल में आजादी के बाद हुए कई बदलावों का जिक्र किया है. सोनिया ने लोकतंत्र को स्थापित करने के लिए किए गए प्रयासों के बारे में भी बात की है. आइए जानते हैं सोनिया गांधी ने अपने पत्र में क्या लिखा है?

तमाम कठिनाइयों के बाद भी 75 साल पहले भारत के संस्थापकों ने देश को स्थापित किया. उन्होंने हमारे देश को उदार और लोकतांत्रिक बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए. तब से लेकर अब तक देश कई मौसमों (बदलाव) को देख चुका है. राष्ट्र की मजबूत नींव शुरुआती वर्षों में ही रख ली गई थी. तब यह भी सुनिश्चित किया गया कि सभी बाधाओं को पार करते हुए ये देश दुनिया के अग्रणी राष्ट्र के रूप में विकसित हो. गरीबी, धर्म-जाति और जनजातीय अंतर होने के कारण बहुत से लोगों ने भविष्यवाणी की थी, एक देश के तौर पर भारत विफल हो जाएगा. इस बीच देश को एक हिंसक विभाजन भी झेलना पड़ा. इसके बाद भी भारत संघीय, प्रगतिशील राजनीति वाला देश बनने में कामयाब रहा.

राष्ट्र का एकीकरण किया गया. अलग-अलग संस्कृतियों को मजबूती के साथ पहचान मिली, क्योंकि हमने समझ लिया था कि विविधता ही हमारी पहचान है. तमाम विरोधाभास के बावजूद, देश के हर नागरिक का देश पर समान अधिकार है. तब उदार राजनीतिक कल्पना के साथ वैज्ञानिक आधार पर आधुनिक कृषि, भारी उद्योग, विज्ञान और तकनीक को बढ़ावा दिया गया. भारत की गुटनिरपेक्ष नीति ने उसे महाशक्तियों की आपसी प्रतिसपर्धा से दूर रहने में मदद की. इससे भारत लोकतंत्र के रूप में हमेशा आगे बढ़ता रहा. शीत युद्ध के समय जब दूसरे देश अराजकता, तानाशाही और विघटन का सामना कर रहे थे. तब विश्व के सामने भारत प्रभावशाली राष्ट्र के रूप में उभर रहा था.

चुनौतियों के साथ आगे बढ़ते युवा और स्वतंत्र भारत ने कई अभिनव समाधान खोजे. हरित क्रांति आई और खाद्यान्न की कमी के कारण आत्मनिर्भर हुए, पंचायती राज व्यवस्था ने ज्यादा लोकतांत्रिक निर्णय लेने के लायक बनाया. पिछले 75 साल में महिलाओं ने बहुत प्रगति की है, लेकिन अभी बहुत कुछ होना बाकी है.

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