नवसंकल्प चिंतन शिविर में बोली सोनिया गांधी - 'भड़काई जा रही नफरत की आग'
राजस्थान। कांग्रेस की तीन दिन तक राजस्थान के उदयपुर में चलने वाले चिंतन शिविर (Congress Chintan Shivir in Rajasthan) में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भाषण दिया है. उन्होंने कहा है कि चिंतन शिविर अपने आप में ऐतिहासिक है, यह मौका है जब हम देश के वर्तमान हालातों और चुनोतियो पर चर्चा करें. देश के वर्तमान विषयों और पार्टी के संगठन स्तर पर चिंतन करने का मौका है. दोस्तों, प्रधानमंत्री मोदी (PM Narendra Modi) और उनकी सरकार का मेक्सिकम गवर्नमेंट और मेक्सिकम गवर्नेंस की हकीकत सामने आ गई है.बीजेपी सरकार में वर्तमान में लगातार ध्रुवीकरण का माहौल बनाया जा रहा है.
उन्होंने कहा, , आज देश में लगातार अल्पसंख्यक को टारगेट किया जा रहा है और डर का महोल बनाया जा रहा है. देश की एकता का आईडिया बीजेपी तोड़ रही है, राजनीतिक विरोधियों के सामने सरकारी एजेंसियों का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है, और लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाई जा रही है. बीजेपी जवाहरलाल नेहरू के आईडिया और बलिदान को नकारते हुए गांधी के देश में संवैधानिक ढांचे को तोड़ने का काम कर रही है. देश मे लगातार कमजोर तबकों, दलित, आदिवासी और महिलाओं पर अत्याचार हो रहे हैं, सिविल सोसायटी, मीडिया में डर का माहौल बनाया गया है.
सोनिया गांधी ने कहा, देश के संवैधानिक मूल्यों को कम करने के साथ नफरत की आग भड़काई जा रही है जो देश के सामने गंभीर समस्या है. देश की अधिकांश आबादी भाईचारा, शांति चाहती है लेकिन बीजेपी लगातार साम्प्रदायिकता का वायरस फैला रही है. यह जरूरी हो जाता है कि देश में आर्थिक हालातों को देखते हुए युवाओं को रोजगार देना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. देश ने नोटबन्दी की मार झेली है. देश के किसानों के साथ कांग्रेस ने सड़क से संसद तक लड़ाई लड़ी है.
उन्होंने आगे कहा, देश में महंगाई, पेट्रोल डीजल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, जिससे करोड़ो लोगों की कमर टूट गई है. कांग्रेस के संगठन ने अपने लचीलेपन से समय-समय पर देश के हालातों के सामने अपनी प्रतिक्रिया दी है, एक बार फिर जनता हमसे उम्मीद कर रही है कि हम अपने साहस, हौसले का परिचय दें. आज हमारे संगठन के सामने जो परिस्थितिया हैं, वो असाधारण हैं और उनका मुकाबला उसी तरीके से किया जा सकता है. हमारे संगठन को सुधारों की सख्त जरूरत है, संगठन में रणनीति में बदलाव, ढांचागत सुधार और काम करने के तरीके में बदलाव लाना होगा.