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सोनभद्र: सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट गोवंश आश्रय स्थलों और गोवंश के देखभाल में खासी गड़बड़ी

jantaserishta.com
23 March 2022 2:10 AM GMT
सोनभद्र:  सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट गोवंश आश्रय स्थलों और गोवंश के देखभाल में खासी गड़बड़ी
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सीएम योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट गोवंश आश्रय स्थलों के संचालन और उसमें रखे गए गोवंश के देखभाल में खासी गड़बड़ी बरती जा रही है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। प्रदेश में मुख्यमंत्री की दूसरी पारी खेलने के लिए 25 मार्च को शपथ लेने जा रहे सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के ड्रीम प्रोजेक्ट गोवंश आश्रय स्थलों के संचालन और उसमें रखे गए गोवंश के देखभाल में खासी गड़बड़ी बरती जा रही है। चारा के नाम पर जहां उन्हें खाने के लिए महज भूसा कुट्टी (पुआल से तैयार किया गया भूसा) दिया जा रहा है। वहीं पर्याप्त चारा-भूसा देने में भी लापरवाही सामने आई है। मुख्य विकास अधिकारी डाॅ. अमित पाल शर्मा (Chief Development Officer Dr. Amit Pal Sharma) मंगलवार को राबर्ट्सगंज ब्लाक (robertsganj block) के ग्रामसभा भटवा टोला में बनाये गए अस्थाई गोवंश आश्रय स्थल का हाल जानने पहुंचे तो वहां की स्थिति देख भौंचक रह गए। पता चला कि यहां रखे गए गोवंश को पर्याप्त मात्रा में चारा-भूसा नहीं दिया जा रहा है। 69 गोवंशियों के लिए महज लगभग डेढ़ क्विंटल भूसा कुट्टी का ही भंडारण पाया गया।

नाराज सीडीओ ने संबंधितों को जमकर लगाई फटकार
इससे नाराज सीडीओ ने संबंधितों को जमकर फटकार लगाई। वहीं प्रधान प्रतिमा देवी और सचिव जितेंद्र कुमार की भी जमकर क्लास ली। पूछताछ में दोनों संतोषजनक उत्तर भी नहीं दे पाए। इस पर, सीडीओ ने जिला पंचायत राज अधिकारी विशाल सिंह को निर्देशित किया कि वह प्रधान और ग्राम पंचायत अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी करने के साथ ही, तीन दिन के भीतर उनके सामने इसकी आख्या प्रस्तुत करें। निरीक्षण के दौरान यह भी सामने आया कि यहां पशुओं को रखने के लिए सेड के विस्तारीकरण और बाउंड्रीवाल की जरूरत है। इसके लिए सीडीओ ने बीडीओ राबर्ट्सगंज को मौके का भ्रमण कर आख्या प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
कोटा में 52 की जगह 27 श्रमिक ही करते मिले काम
सीडीओ ने चोपन ब्लाक के ग्राम पंचायत कोटा में कराए गए विकास कार्यों का निरीक्षण किया। पाया कि चिंतामणी के घर तक 600 मीटर की लंबाई में कच्ची सड़क का निर्माण ग्राम पंचायत की तरफ से कराया जा रहा है। कार्य से जुड़े अभिलेखों के निरीक्षण से पता चला कि 52 श्रमिकों का मस्टररोल भरा गया है लेकिन मौके पर 27 श्रमिक ही कार्य कर रहे हैं। इस दौरान लगभग तीन सौ मीटर सड़क का निर्माण हुआ लेकिन कार्य स्थल पर, इससे जुड़ा बोर्ड नदारद था। इस पर नाराजगी जताते हु सीडीओ ने अमरेश चंद्र पटेल ग्राम पंचायत अधिकारी, प्रहलाद ग्राम प्रधान और कौशल पाठक तकनीकी सहायक को तीन दिन के भीतर खंड विकास अधिकारी के जरिए स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
एमएमएस के माध्यम से नहीं लगती मिली हाजिरी
एमएमएस के माध्यम से हाजिरी न लगाए जाने पर भी नाराजगी जताते हुए कहा कि जहां भी मनरेगा योजनांतर्गत 20 से अधिक श्रमिक नियोजित हैं, वहां के कार्य स्थलों पर एमएमएस के माध्यम से हाजिरी लगाना अनिवार्य है। उपायुक्त श्रम रोजगार को सभी विकास खंडों में इस व्यवस्था को अविलंब सुनिश्चित कराने की हिदायत दी।


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