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सोनाली फोगट केस: गोवा पुलिस पर लगा गंभीर आरोप, अब हाईकोर्ट का रुख करेंगे परिजन

Nilmani Pal
4 Sep 2022 12:59 AM GMT
सोनाली फोगट केस: गोवा पुलिस पर लगा गंभीर आरोप, अब हाईकोर्ट का रुख करेंगे परिजन
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हरियाणा। टिकटॉक स्टार सोनाली फोगाट की मौत मामले में परिवार लगातार सीबीआई जांच की मांग कर रहा है. अब सोनाली फोगट के भतीजे विकास सिंघमार ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि गोवा पुलिस इस मामले में उचित जांच नहीं कर रही है. मुझे लगता है कि इसके पीछे राजनीतिक प्रभाव भी है, इसलिए अब हम सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) जांच की मांग को लेकर गोवा हाईकोर्ट का रुख करेंगे.

बता दें कि एक दिन पहले सोनाली के भाई रिंकू ने खुलकर राजनीतिक साजिश की तरफ इशारा किया था. जबकि सोनाली के परिवार के वकील ने भी सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) यूयू ललित को संबोधित एक पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने इस केस की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को ट्रांसफर करने की मांग की है. इससे पहले हरियाणा सरकार के गृह मंत्री अनिल विज की तरफ से भी कहा गया था कि उन्होंने गोवा सरकार को पत्र लिखा है और सीबीआई जांच की सिफारिश करने का आग्रह किया है. विज ने कहा था कि परिवार ने सीएम से मुलाकात की है और सीबीआई जांच की मांग रखी है. हमने गोवा के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सीबीआई जांच करवाने का आग्रह किया है.

न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, गुरुवार को सोनाली फोगाट के परिवार की तरफ से अधिवक्ता विनीत जिंदल ने CJI को एक पत्र लिखा है. वकील ने कहा कि सोनाली फोगट की 23 अगस्त को संदिग्ध परिस्थितियों में गोवा में मौत हो गई थी. इस घटना में सोनाली के निजी सहायक समेत दो लोगों को गोवा पुलिस ने हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया है. हम इस पत्र याचिका के जरिए कोर्ट से प्रार्थना करते हैं कि वह गोवा सरकार को पुलिस से मामले की जांच सीबीआई को ट्रांसफर करने का निर्देश दे, ताकि ये पता लगाया जा सके कि सोनाली फोगाट की हत्या के पीछे कोई बड़ी साजिश है या नहीं.

वकील ने पत्र में कहा है कि इस हत्या की जांच सिर्फ गोवा पुलिस तक ही सीमित नहीं है, क्योंकि ये एक बड़ी साजिश हो सकती है और अन्य राज्यों में इसकी जांच की जरूरत है. इस मामले को किसी ऐसी एजेंसी के हाथ सौंपना चाहिए, जो बिना किसी बाधा या कानूनी जटिलताओं के जांच कर सके. इसके लिए सीबीआई सबसे उपयुक्त एजेंसी है. सीबीआई को देश के किसी भी राज्य में बिना किसी रुकावट के केस की जांच करने की पूरी छूट है.

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