मां की मौत के बाद अस्पताल से भागा बेटा, इंस्पेक्टर ने किया अंतिम संस्कार
लखनऊ। इसे गरीबी की मार कहें या बेटे की बेरुखी। महीनों से बीमार बीना ने लोकबंधु अस्पताल में दम तोड़ा तो बेटे ने भी मुंह मोड़ लिया। अस्पताल प्रशासन ने पुलिस को वृद्धा के मरने की पुलिस को सूचना दी तो पता चला कि इकलौता बेटे ने जालंधर की राह पकड़ ली। उसके पास मां के अंतिम संस्कार करने के लिए धन नहीं था। इसलिए उसने शव को अस्पताल में छोड़कर भाग जाना उचित समझा। कृष्णानगर पुलिस ने वृद्धा का अंतिम संस्कार किया।
मानकनगर के मेहंदी खेड़ा में रहने वाली 80 वर्षीय वृद्धा बीना की रविवार को एकाएक तबियत बिगड़ गई। उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। बेटा रामचंद्र उन्हें लेकर लोकबंधु अस्पताल पहुंचा। जहां, डॉक्टरों ने उन्हें जनरल वार्ड में भर्ती कर लिया। सोमवार दोपहर वृद्धा ने दम तोड़ दिया। वृद्धा की मौत की पुष्टि होते ही रामचंद्र वहां से निकलकर चला गया। अस्पताल कर्मचारी उसकी तलाश करते रहें। भर्ती के समय दिए गए मोबाइल नंबर पर संपर्क किया तो वह स्विच ऑफ मिला। कृष्णानगर पुलिस को सूचना दी गई।
इंस्पेक्टर कृष्णानगर विक्रम सिंह ने पुलिस टीम वृद्धा के घर भेजी। पता चला कि बेटा घर में ताला बंद कर जालंधर चला गया। स्थानीय लोगों से पूछताछ पर जानकारी हुई की वह जालंधर में नौकरी करता है। एक से डेढ़ माह पहले यहां आया था। उसके बाद से यहां मजदूरी कर रहा था। घटना के बाद घर पर ताला लगाकर चला गया। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया। मंगलवार दोपहर वीआइपी रोड स्थित शमशान घाट पर इंस्पेक्टर विक्रम सिंह, आजादनगर चौकी प्रभारी अजय यादव और अन्य पुलिस कर्मियों ने अर्थी को कंधा दिया। श्मशान घाट ले गए और अंतिम संस्कार किया।