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देश में कोरोना वायरस की महामारी के बीच अहमदाबाद में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है. अहमदाबाद में एक कोरोना संक्रमित व्यक्ति का उपचार के दौरान निधन हो गया. कोरोना संक्रमित के निधन के बाद शव एलिसब्रिज के वीएस अस्पताल स्थित श्मशान गृह ले जाया गया था, जहां से उसका शव लेकर बेटा फरार हो गया. इसकी जानकारी होते ही प्रशासन के होश उड़ गए.
एलिसब्रिज थाने की पुलिस ने मामला दर्ज कर तहकीकात शुरू कर दी है. पुलिस के मुताबिक बेटे द्वारा पिता का शव लेकर बांसवाड़ा जाने की बात सामने आ रही है. वहां के प्रशासनिक अधिकारियों से संपर्क कर कोरोना प्रोटोकॉल के अनुसार अंतिम संस्कार कराने का अनुरोध किया गया है. दरअसल कोरोना संक्रमित का इलाज अहमदाबाद की सुश्रुषा अस्पताल में चल रहा था, जहां उसकी मौत हो गई.
बताया जाता है कि अहमदाबाद के नवरंगपुरा इलाके के सुश्रुषा अस्पताल में कोरोना का उपचार कराने के लिए 10 दिन पहले बुजुर्ग को भर्ती कराया गया था. वह राजस्थान के बांसवाड़ा का निवासी बताया जाता है. उपचार के दौरान 5 अक्टूबर की सुबह उसकी मौत हो गई थी. अस्पताल ने इसकी सूचना निगम को दी थी और नियम के अनुसार शव को अंतिम संस्कार के लिए भेज दिया गया. श्मशान गृह पहुंचने के बाद कोरोना संक्रमित का शव गायब हो गया.
अस्पताल की तमाम औपचारिकताएं पूरी करने के बाद एंबुलेंस चालक अमित गोहिल पार्किंग में शव उतरवाकर दूसरे मरीज को लेने चला गया. मौके पर पहुंचे नोडल अधिकारी को मृतक का शव और उसका रिश्तेदार वहां नहीं मिले. नोडल अधिकारी ने तत्काल फोन कर न्होंने नगर निगम के अधिकारियों को फोन कर घटना की जानकारी दी. नोडल अधिकारी पूर्वान पटेल ने एंबुलेंस चालक से इस संबंध में पूछा तो उसने संक्रमित मरीज के परिजनों के एम्बुलेंस के साथ पहले से ही वहां मौजूद होने की जानकारी दी.
नोडल अधिकारी ने जब दिवंगत मरीज के बेटे महेंद्र को फोन करना शुरू किया तो लगातार बंद बताता रहा. मामले की जानकारी पुलिस को दी गई. पुलिस की शुरुआती जांच में बेटे के कोरोना संक्रमित का शव लेकर राजस्थान के बांसवाड़ा स्थित अपने गांव निकलने की बात सामने आई. पुलिस ने इसकी जानकारी बांसवाड़ा प्रशासन को दी और कहा कि कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए शव का अंतिम संस्कार कराया जाना जरूरी है.