चेन्नई : तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई और उसके पड़ोसी जिलों में सोमवार को लगातार बारिश के कारण विभिन्न हिस्से जलमग्न हो गए हैं, जिससे इन जगहों पर जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। लगातार बारिश की वजह से यहां 2015 की बाढ़ की पुनरावृत्ति की आशंका पैदा हो गई है। लोग आवश्यक वस्तुओं विशेषकर पेयजल की खरीद के लिए भागदौड़ करते देखे गए। लगातार बारिश से कोई राहत नहीं मिली है, इसके कारण बिजली गुल हो गई और इंटरनैट बाधित हो गया।
मिचौंग का अर्थ
चक्रवाती तूफान ‘मिचौंग’ के कारण भारी बारिश हो रही है। तूफान का यह नाम म्यांमार ने सुझाया था, इसका अर्थ है लचीलापन या ताकत। बारिश के कारण परिवहन सेवा बुरी तरह बाधित हुई है और कई ट्रेन तथा उड़ानों को रद्द कर दिया गया है। सड़कों के जलमग्न होने के कारण आने-जाने वालों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। मौसम कार्यालय ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि 4 जिलों में सोमवार देर रात तक भारी से बहुत भारी बारिश होने और तेज हवाएं चलने की संभावना है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के एक अपडेट में कहा गया है, ‘तूफान के उत्तर की ओर बढ़ने तथा दक्षिण आंध्र प्रदेश तट के करीब और 5 दिसंबर की सुबह 90 से 100 किमी प्रति घंटे की गति से एक गंभीर चक्रवाती तूफान के रूप में नेल्लोर और मछलीपट्टनम (एपी) के बीच से गुजरने की संभावना है।’
चक्रवात के मद्देनजर तमिलनाडु सरकार ने चेन्नई, तिरुवल्लूर, कांचीपुरम और चेंगलपट्टू जिलों में सभी शैक्षणिक संस्थानों, सरकारी और निजी कार्यालयों, वित्तीय संस्थानों और बैंकों के लिए मंगलवार को सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है। सरकार ने निजी कंपनियों से आग्रह किया है कि वे अपने कर्मचारियों को 5 दिसंबर को प्रभावित क्षेत्रों में घर से काम करने की अनुमति दें। हालांकि, सभी आवश्यक सेवाएं, जैसे पुलिस, दमकल सेवा, स्थानीय निकाय, दूध आपूर्ति, जल आपूर्ति, अस्पताल/चिकित्सा दुकानें, बिजली आपूर्ति, परिवहन, ईंधन आऊटलेट, होटल/रेस्तरां, और आपदा प्रतिक्रिया, राहत और बचाव गतिविधियों से संबंधित कार्यालय सामान्य रूप से कामॉकाज करेंगे। चेन्नई हवाई अड्डे का संचालन सोमवार सुबह 9.40 बजे से रात 11 बजे तक निलंबित किया गया हैं। लगातार बारिश के कारण हवाईअड्डे पर आने और जाने वाली लगभग 70 उड़ानें रद्द कर दी गईं। भारतीय हवाईअड्डा प्राधिकरण ने कहा कि जलभराव के कारण रनवे और टारमैक भी बंद हैं। इस बीच, बारिश की वजह से रेल और हवाई सेवाओं को या तो रद्द कर दिया गया अथवा उनके परिचालन में देरी हुई।