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सामाजिक संगठन बिलकिस बानो मामले में 11 दोषियों की रिहाई से जमकर भड़के, राष्ट्रपति से लगाई न्याय की गुहार

Admin Delhi 1
2 Sep 2022 9:48 AM GMT
सामाजिक संगठन बिलकिस बानो मामले में 11 दोषियों की रिहाई से जमकर भड़के, राष्ट्रपति से लगाई न्याय की गुहार
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न्यूज़ हल्द्वानी: वर्ष 2002 में गुजरात दंगों के दौरान गर्भवती बिलकिस बानो के गैंगरेप और परिवार के सात लोगों की हत्या के मामले में 11 आरोपियों की रिहाई के विरोध में विभिन्न संगठनों ने विरोध जताया है। शुक्रवार को प्रगतिशील महिला एकता केंद्र, परिवर्तनकामी छात्र संगठन और क्रांतिकारी लोक अधिकार संगठन से जुड़े लोगों ने राष्ट्रपति के नाम सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह को ज्ञापन सौंपकर आरोपियों को वापस जेल भेजने और अपराधियों का स्वागत करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की रजनी जोशी ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के दिन प्रधानमंत्री लाल किले के प्राचीर से महिलाओं के सम्मान की बात कर रही थे, उसी दिन उनकी पार्टी के लोगों द्वारा अपराधियों पर फूल मालाएं चढ़ाई जा रही थी। मिठाइयां खिलाई जा रही थीं जैसे कि वह देश का सम्मान बढ़ा कर आए हो। उन्होंने कहा कि अगर इस तरह के अपराधी देश में खुलेआम घूमेंगे तो उनके हौसले और बुलंद होंगे जिससे महिला हिंसा व अपराधों का ग्राफ जो पहले से ही तेज है वह और बढ़ जाएगा।

परिवर्तनकामी छात्र संगठन के महेश ने कहा कि एक तरफ देश में पहले ही महिलाओं के साथ अपराध बढ़ रहे हैं वही दूसरी तरफ गुजरात सरकार द्वारा अपराधियों को खुलेआम छोड़ने का काम किया जा रहा है। इस घटना ने महिलाओं के अंदर खौफ का माहौल तैयार किया है। क्रांतिकारी लोग अधिकार संगठन के टिकाराम पांडे ने कहा कि हमारी यह व्यवस्था पूंजीवादी व्यवस्था है। पूंजीवाद मुनाफे को बनाए रखने के लिए यह सारी चीज करता है, आज सत्ताधारी पार्टियां सत्ता के नशे में चूर होकर तमाम तरह के जघन्य अपराध कर रही हैं। ज्ञापन देने वालों में मोहन, नशीम, रियासत, वशिद आदि रहे।

बताते चलें कि गोधरा ट्रेन अग्निकांड की घटना के बाद गुजरात में भड़की सांप्रदायिक हिंसा के दौरान मार्च, 2002 में पांच महीने की गर्भवती बिलकिस बानो के साथ गैंगरेप हुआ था। उनकी तीन साल की बेटी सालेहा की भी बेरहमी से हत्या कर दी गई। उस वक्त बिलकीस करीब 20 साल की थीं। इस दंगे में बिलकीस बानो की मां, छोटी बहन और अन्य रिश्तेदार समेत 14 लोग मारे गए थे। मुंबई की एक विशेष सीबीआई अदालत ने 21 जनवरी 2008 को 11 लोगों को रेप और बिलकिस बानो के परिवार के सात सदस्यों की हत्या के आरोप में उम्र कैद की सजा सुनाई थी। मगर गुजरात सरकार ने पुरानी सजा माफी नीति के तहत 15 अगस्त को इन दोषियों को रिहा कर दिया।

बिलकिस बानो मामले में दायर यचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस मामले में 11 दोषियों की रिहाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने तीखी टिप्पणी की है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को नोटिस जारी किया है, साथ ही सभी दोषियों को भी पक्ष बनाने का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा कि हमें यह देखना होगा कि दोषियों की रिहाई के फैसले में दिमाग का इस्तेमाल किया गया या नहीं। अब इस मामले की अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद होगी।

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