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तो दोगुनी होगी पीएम किसान सम्मान निधि की राशि? अभी-अभी आई किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी

jantaserishta.com
18 Dec 2024 2:38 AM GMT
तो दोगुनी होगी पीएम किसान सम्मान निधि की राशि? अभी-अभी आई किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी
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नई दिल्ली: एक संसदीय पैनल ने किसानों को मिलने वाली योजनाओं के समर्थन की बात की है। इसमें पीएम किसान सम्मान निधि को दोगुना करने और एमएसपी पर कानूनी गारंटी देने के लिए कहा गया है। संसदीय पैनल ने किसान सम्मान निधि को वर्तमान के 6000 से बढ़ाकर 12000 करने के लिए कहा हैं। गौरतलब है कि एमएसपी के मुद्दे को लेकर पिछले साल हरियाणा और पंजाब में किसानों ने केंद्र का विरोध किया था। कांग्रेस सांसद चरणजीत सिंह चन्नी की अध्यक्षता वाली कृषि, पशुपालन और खाद्य प्रसंस्करण संबंधी स्थायी समिति ने कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय की अनुदान मांगों (2024-25)' पर अपनी पहली रिपोर्ट (अठारहवीं लोकसभा) में ये सिफारिशें की हैं। इसे मंगलवार को लोकसभा में पेश किया गया था। समिति ने कृषि और किसान कल्याण विभाग के नाम को बदलकर ‘कृषि, किसान और खेत मजदूर कल्याण विभाग’ करने की भी सिफारिश की है।
रिपोर्ट के मुताबिक समिति का विचार है कि किसानों को दिए जाने वाले मौसमी प्रोत्साहन पट्टेदार किसानों और खेतिहर मजदूरों को भी दिए जा सकते हैं। समिति नाम बदलने की पुरजोर सिफारिश करती है जो कृषि शासन को सुव्यवस्थित करने और कृषि में काम करने वालों की विभिन्न जरूरतों को पूरा करने के बड़े प्रयास के लिए जरूरी होगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे भारत में कृषि विकास के लिए अधिक समावेशी दृष्टिकोण को बढ़ावा मिलेगा। समिति यह भी सिफारिश करती है कि विभाग को जल्द से जल्द कानूनी गारंटी के रूप में किसानों को एमएसपी के कार्यान्वयन के लिए एक रोडमैप घोषित करने की जरूरत है।
संसदीय समिति ने कृषि से संबंधित व्यापार नीति की घोषणा करने से पहले किसानों के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा करने का उल्लेख किया है। इसमें कहा गया है कि समिति का विचार है कि कृषि उपज पर अंतरराष्ट्रीय आयात-निर्यात नीति बदलने से किसानों को नुकसान होता है। समिति पुरजोर सिफारिश करती है कि कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की तर्ज पर एक स्थायी निकाय/संस्थान बनाया जाए और कृषि विशेषज्ञों के साथ किसानों के प्रतिनिधियों को इसमें जगह दी जाए।
समिति ने किसानों और कृषि मजदूरों के कर्ज माफ करने के लिए एक योजना शुरू करने की भी सिफारिश की है। समिति ने कृषि मजदूरों को लंबे समय से लंबित अधिकार प्रदान करने के लिए जल्द से जल्द कृषि मजदूरों के लिए न्यूनतम जीवन यापन मजदूरी के लिए एक राष्ट्रीय आयोग स्थापित करने की भी सिफारिश की। समिति ने यह भी सिफारिश की कि सरकार को केंद्र सरकार की स्वास्थ्य बीमा योजना-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) की तर्ज पर 2 हेक्टेयर तक भूमि वाले छोटे किसानों को अनिवार्य सार्वभौमिक फसल बीमा प्रदान करने की संभावना तलाशनी चाहिए।
गौरतलब है कि पीएम-किसान योजना के तहत, पात्र किसान परिवारों को हर चार महीने में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के जरिएतीन समान किस्तों (2,000 रुपए) में 6,000 रुपए सालाना मिलते हैं। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले 24 फरवरी, 2019 को शुरू की गई पीएम-किसान योजना को केंद्र से 100 फीसदी फंडिंग हासिल। यह धनराशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में स्थानांतरित की जाती है।
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