मध्य प्रदेश में जिस वक्त वायरस से मिलकर लड़ना था, उस वक्त पति-पत्नी एक-दूसरे के लिए ही 'कोरोना' बन गए. अप्रैल में महिलाओं की ओर से ऊर्जा महिला हेल्प डेस्क पर 7670 शिकायतें दर्ज हुईं. इनमें से अधिकतर शिकायतें पति-पत्नी के आपस में हुए झगड़ों की हैं. कुछ मामलों में पुलिस ने मामला दर्ज किया, बाकी में काउंसलिंग जारी है.
गौरतलब है कि प्रदेश के अधिकांश थानों में महिलाओं की सुरक्षा और उनकी शिकायतों के निराकरण के लिए ऊर्जा महिला हेल्प डेस्क शुरू की गई थी. इस डेस्क पर अप्रैल में हुई शिकायतों के आंकड़ों पर पुलिस को भी यकीन नहीं हो रहा. ASP राजेंद्र सिंह भदौरिया ने बताया कि प्रदेश के थानों में 700 ऊर्जा डेस्क का शुभारंभ इसी साल 31 मार्च को किया गया था.
भदौरिया के मुताबिक, अप्रैल माह में महिलाओं से संबंधित मामलों में शिकायतों की संख्या बढ़ी है. केवल अप्रैल में ही 7670 शिकायतें प्राप्त हुईं हैं. इनमें से 2386 शिकायतों में मामले दर्ज किए गए. बाकी शिकायतों में या तो जांच चल रही है या समझौता हो गया है. इसके अलावा पति-पत्नी के बीच मारपीट की 1403 और मानसिक प्रताड़ना की 1007 शिकायतें आईं.
इस मामले को लेकर DIG इरशाद वली ने कहा कि अप्रैल में कोरोना की दूसरी लहर के चलते लोगों को घरों में रहने के लिए कहा गया था. यह लहर सबसे खतरनाक थी. इसलिए सरकार ने घरों से बेवजह निकलने वालों पर कार्रवाई भी की. इसी दौरान घरेलू झगड़े भी ज्यादा सामने आए.
भिंड के निवसाई गांव में एक विवाहिता की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई. मायके पक्ष ने शव को मानगढ़ सड़क पर रखकर करीब दो घंटे धरना दिया. उनकी मांग थी कि ससुराल वालों ने उनकी बेटी की हत्या की है इसलिए उन पर हत्या का केस दर्ज किया जाए. हालांकि पुलिस वालों ने मायके पक्ष के लोगों को समझाया कि मर्ग कायम हो गया है. वे बयान दर्ज कराएं, आगे की कार्रवाई की जाएगी.