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तो यहां छिपे है पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह? सामने आई ये जानकारी

jantaserishta.com
22 Oct 2021 10:42 AM GMT
तो यहां छिपे है पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह? सामने आई ये जानकारी
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मुंबई: मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह पिछले कई महीनों से 'गायब' हैं. राष्ट्रीय एजेंसियां पूछताछ के लिए परमबीर सिंह को बुला चुकी हैं, लेकिन वह पेश नहीं हुए हैं. अटकलें लगाई जा रही हैं कि वह चंडीगढ़ में हो सकते हैं. जांच के लिए बनाए गए चांदीवाल आयोग की कार्रवाई के दौरान मुंबई में सीनियर एडवोकेट अभिनव चंद्रचूड़ और आसिफ लम्पवाला, मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की ओर से पेश हुए और सिंह द्वारा पावर ऑफ अटॉर्नी के साथ दिए गए एक हलफनामे को दायर किया.

दरअसल, ये पावर ऑफ अटॉर्नी चंडीगढ़ में बनाई गई है और इसमें कहा गया है कि महेश पांचाल नाम के व्यक्ति को आयोग में परमबीर का प्रतिनिधित्व करने का अधिकार दिया गया है. हलफनामे में आगे कहा गया है कि परमबीर सिंह का समिति के समक्ष कोई निवेदन करने का इरादा नहीं है.
इसमें आगे कहा गया है, "चूंकि जो कुछ भी कहने की आवश्यकता थी, वह परमबीर सिंह द्वारा माननीय मुख्यमंत्री के सामने कह दिया गया था और भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने इस पर ध्यान दिया है. उनके पास कहने के लिए और कुछ नहीं है. माननीय मुख्यमंत्री को संबोधित उनके पत्र में जो कहा गया है वह काफी है."
गौरतलब है कि सिंह ने मार्च में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. इसके बाद राज्य सरकार ने चांदीवाल आयोग का गठन किया और सीबीआई ने भी देशमुख के खिलाफ जांच शुरू की. हालांकि, पिछली कुछ सुनवाई के दौरान, समन किए जाने के बावजूद, सिंह आयोग के सामने पेश नहीं हुए थे, जिसके बाद आयोग ने जमानती वारंट जारी किया था. लेकिन जमानती वारंट पर अमल नहीं हो सका क्योंकि सिंह का कहीं पता नहीं चल रहा था. दूसरी ओर, सिंह आयोग के सामने नहीं आने के लिए खराब स्वास्थ का हवाला दिया था.
बता दें कि परमबीर सिंह इस साल 4 मई से छुट्टी पर हैं. इसके बाद उन्होंने दो बार छुट्टी को बढ़ाया भी है. इसके बाद में उन्होंने न कोई जानकारी दी ना ही ड्यूटी पर लौटे. जस्टिस चांदीवाल आयोग का गठन पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ परमबीर सिंह द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच के लिए किया गया था. आयोग ने पेश ना होने पर परमबीर के खिलाफ दो जमानती वारंट भी जारी किए थे. लेकिन इसका पालन नहीं किया गया, क्योंकि उनका पता ही नहीं चल सका. हालांकि, परमबीर सिंह को जमानती वारंट देने के लिए महाराष्ट्र पुलिस सीआईडी ​​की एक टीम चंडीगढ़ गई थी, लेकिन वे वहां भी नहीं मिले.


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