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सालों से सांप ले रहे है बदला: एक या दो नहीं बल्कि इतने बार डंसा, अभी तक है जिंदा

jantaserishta.com
4 Dec 2020 3:56 AM GMT
सालों से सांप ले रहे है बदला: एक या दो नहीं बल्कि इतने बार डंसा, अभी तक है जिंदा
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क्या सांप बदला लेते हैं? अब ये सवाल है या फिर रहस्य ये तो पता नही है, लेकिन एक शख्स के साथ जो हो रहा है उसे देखकर तो सब यही कह रहे हैं कि सांप वाकई बदला लेते हैं.

न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार, ये कहानी है आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के कुम्मारा गुंटा गांव में रहने वाले सुब्रमण्यम की. 45 साल के सुब्रमण्यम को सांपों ने अब तक एक या दो बार नहीं बल्कि 72 बार डंसा है.

उनका कहना है कि सांप पिछले 32 सालों से बिना मतलब उनसे बदला ले रहे हैं. उनका कहना है कि जब वो 5वीं क्लास में पढ़ते थे, तब पहली बार उन्हें सांप ने काटा था, जिसके बाद से साल में 2 बार कोबरा सांप उन्हें काटते जरूर हैं. उनका कहना है कि सांप पिछले 32 सालों से बिना मतलब उनसे बदला ले रहे हैं. उनका कहना है कि जब वो 5वीं क्लास में पढ़ते थे, तब पहली बार उन्हें सांप ने काटा था, जिसके बाद से साल में 2 बार कोबरा सांप उन्हें काटते जरूर हैं.

उनका कहना है कि सांप पिछले 32 सालों से बिना मतलब उनसे बदला ले रहे हैं. उनका कहना है कि जब वो 5वीं क्लास में पढ़ते थे, तब पहली बार उन्हें सांप ने काटा था, जिसके बाद से साल में 2 बार कोबरा सांप उन्हें काटते जरूर हैं.
हर साल अमावस्या के दिन सांप उनके दरवाजे के सामने दिखाई देते हैं. वह उस दिन बाहर आने से डरता है. 32 सालों से उनके साथ यही हो रहा है. इस अजीब बात पर बहुत दुखी महसूस करते हैं. उनका कहना है कि मुझे इस बात का पता नहीं है कि सांप मुझसे इस तरह से बदला क्यों ले रहे हैं. हर साल अमावस्या के दिन सांप उनके दरवाजे के सामने दिखाई देते हैं. वह उस दिन बाहर आने से डरता है. 32 सालों से उनके साथ यही हो रहा है. इस अजीब बात पर बहुत दुखी महसूस करते हैं. उनका कहना है कि मुझे इस बात का पता नहीं है कि सांप मुझसे इस तरह से बदला क्यों ले रहे हैं.
हर साल अमावस्या के दिन सांप उनके दरवाजे के सामने दिखाई देते हैं. वह उस दिन बाहर आने से डरता है. 32 सालों से उनके साथ यही हो रहा है. इस अजीब बात पर बहुत दुखी महसूस करते हैं. उनका कहना है कि मुझे इस बात का पता नहीं है कि सांप मुझसे इस तरह से बदला क्यों ले रहे हैं.
सांपों के डर के कारण मैं अपने कामों के लिए बाहर नहीं जा सकता. एक किसान होने के नाते मेरे लिए हर साल 50 हजार खर्च करना कठिन है जब भी मुझे सांप काटता है. हर दिन मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि वे मुझे इन असामान्य परिस्थितियों से बाहर निकालें. सांपों के डर के कारण मैं अपने कामों के लिए बाहर नहीं जा सकता. एक किसान होने के नाते मेरे लिए हर साल 50 हजार खर्च करना कठिन है जब भी मुझे सांप काटता है. हर दिन मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि वे मुझे इन असामान्य परिस्थितियों से बाहर निकालें.
सांपों के डर के कारण मैं अपने कामों के लिए बाहर नहीं जा सकता. एक किसान होने के नाते मेरे लिए हर साल 50 हजार खर्च करना कठिन है जब भी मुझे सांप काटता है. हर दिन मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि वे मुझे इन असामान्य परिस्थितियों से बाहर निकालें.
वहीं, इस पूरे घटनाक्रम में सांप पकड़ने वाले रघु राम ने न्यूज18 से कहा, जब सांपों के पास कोई स्मृति नहीं होती है, तो वे किसी व्यक्ति को कैसे याद कर सकते हैं और उससे बदला कैसे ले सकते हैं. ये सब केवल मिथक हैं. सांपों के पास किसी या किसी चीज़ को पहचानने और याद रखने के लिए कोई सामाजिक बंधन, बुद्धि या स्मृति नहीं होती है. जो भी चीजें सुब्रमण्यम के साथ हो रही है वो महज एक संयोग है. वहीं, इस पूरे घटनाक्रम में सांप पकड़ने वाले रघु राम ने न्यूज18 से कहा, जब सांपों के पास कोई स्मृति नहीं होती है, तो वे किसी व्यक्ति को कैसे याद कर सकते हैं और उससे बदला कैसे ले सकते हैं. ये सब केवल मिथक हैं. सांपों के पास किसी या किसी चीज़ को पहचानने और याद रखने के लिए कोई सामाजिक बंधन, बुद्धि या स्मृति नहीं होती है. जो भी चीजें सुब्रमण्यम के साथ हो रही है वो महज एक संयोग है.
वहीं, इस पूरे घटनाक्रम में सांप पकड़ने वाले रघु राम ने न्यूज18 से कहा, जब सांपों के पास कोई स्मृति नहीं होती है, तो वे किसी व्यक्ति को कैसे याद कर सकते हैं और उससे बदला कैसे ले सकते हैं. ये सब केवल मिथक हैं. सांपों के पास किसी या किसी चीज़ को पहचानने और याद रखने के लिए कोई सामाजिक बंधन, बुद्धि या स्मृति नहीं होती है. जो भी चीजें सुब्रमण्यम के साथ हो रही है वो महज एक संयोग है.


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