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सर्पदंश सुरक्षा सप्ताह के जान जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

Shantanu Roy
2 Aug 2023 10:20 AM GMT
सर्पदंश सुरक्षा सप्ताह के जान जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन
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बलिया। ज़िलाधिकारी रवींद्र कुमार के निर्देश पर इण्डियन रेड क्रॉस सोसायटी व जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के संयुक्त प्रयास से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सर्पदंश से बचने के लिए सर्पदंश सुरक्षा सप्ताह के अन्तर्गत जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। बुधवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बेलहरी पर जन चौपाल के दौरान चिकित्साधिकारी/ सदस्य इण्डियन रेड क्रॉस सोसायटी के सदस्य डॉ पंकज ओझा ने सांप के काटने पर तत्काल ‘क्या करें और क्या नहीं करें’ के बारे में विस्तार से बताया। इस अभियान का उद्देश्य यही है कि थोड़ी सी सावधानी बरतकर हम सर्पदंश से होने वाली मृत्यु में भारी कमी ला सकते हैं। इस अवसर पर एलटी कमलेश, विनय पटेल, फार्मासिस्ट विनय सिंह, पप्पू सिंह, गया गिरी, गुड्डू गिरी, उपेन्द्र एवं अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे। कभी कभी साँप काट देता है और दिखाई नहीं देता हैं। ऐसे में साँप काटने के लक्षणों का जानना बहुत ज़रूरी है।
तंत्रिका तंत्र जैसे मस्तिष्क पर असर होना, बेहोशी का आना, नींद का आना, पलकों का भारी होना, सांस लेने में तकलीफ़ होना, डंक लगने के कारणमसूड़ों से खून आना, पेट में दर्द, गहरे भूरे रंग का पेशाब आना, रक्त का थक्का जमना, सूजन आना आदि साँप के काटने के लक्षण हैं। सांप के रंग व आकार को देखने और याद रखने की कोशिश करें। पीड़ित व्यक्ति का सर ऊंचा करके लिटायें या बैठायें। घाव को तुरंत साबुन व गर्म पानी से साफ करें। काटे हुए अंग को पट्टी या सूती कपड़े से बांध दें। उन्हें शांत और स्थिर रहने के लिए कहें। दंश को साफ व सूखे कपड़े से ढ़क दें। स्वास्थ्य से जुड़ी सहायता के लिए 1075 पर संपर्क करें या अपने स्थानीय विष नियंत्रण केन्द्र या निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पर संपर्क करें। थोड़ी सी सावधानी बरती जाए तो सर्पदंश से बच सकते हैं। ऊंची जमीन पर जाने के लिए पानी में तैरते समय सांपों से सावधान रहें। सांप को अपने आस पास देखने पर धीरे धीरे उससे पीछे हटें। सांप को पकड़ने या मारने की कोशिश ना करें। मलवे या अन्य वस्तुओं के नीचे सांप हो सकते हैं लिहाज़ा ऐसी जगह पर सतर्क रहें। आपके घर में सांप होने की स्थिति में तुरंत अपने कम्युनिटी में पशु नियंत्रण के नंबर पर काल करें। दोहरी दृष्टि, आवाज का पतला होना, पलकों का गिरना, सांस लेने में तकलीफ़ होना, निगलने में असमर्थता महसूस करना, बोलने में कठिनाई होना इत्यादि। इसमें कोई भी लक्षण दिखने पर प्रभावित व्यक्ति को तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जायें व उसकी जांच करायें।
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