भारत
गुलामी की मानसिकता ने भारत की विकास यात्रा को बहुत प्रभावित किया: पीएम मोदी
jantaserishta.com
3 Dec 2024 10:13 AM GMT
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चंडीगढ़: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को चंडीगढ़ पहुंचकर तीन नए कानूनों को लेकर आयोजित किए गए कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान पीएम मोदी ने तीन नए कानूनों की उपयोगिता के बारे में विस्तारपूर्वक अपनी बात रखी।
प्रधानमंत्री मोदी ने चंडीगढ़ आने पर खुशी जताई। उन्होंने कहा, “चंडीगढ़ आने पर मुझे लगता है कि मैं अपने लोगों के बीच में आ चुका हूं। मैं तीनों कानून के लागू होने पर देश को बधाई देता हूं।” प्रधानमंत्री ने कहा, “1857 की क्रांति के 3 साल बाद 1860 में अंग्रेज भारतीय दंड संहिता लेकर आए। इसके बाद इंडियन एविडेंस एक्ट आया, फिर सीआरपीसी का मसौदा अस्तित्व में आया। यह सब भारतीयों को दंडित करने के लिए लाए गए थे।”
उन्होंने कहा, “समय-समय पर इनमें संशोधन हुए। लेकिन, उनका असली चरित्र वही बना रहा। आजाद देश में गुलामी के लिए बने कानून को क्यों ढोया जाए। यह सवाल न हमने खुद से पूछा, न शासन करने वाले लोगों ने इस पर विचार करने की जरूरत समझी। गुलामी की मानसिकता ने भारत की विकास यात्रा को बहुत ज्यादा प्रभावित किया।” प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, “चंडीगढ़ में वाहन चोरी होने पर महज 11 महीने में सजा मिल गई। क्षेत्र में अशांति फैलाने पर महज 20 दिन के अंदर आरोपी को सजा दे दी गई।”
Addressing a programme marking the successful implementation of the three new criminal laws. It signifies the end of colonial-era laws. https://t.co/etzg5xLNgf
— Narendra Modi (@narendramodi) December 3, 2024
प्रधानमंत्री ने कहा, “दिल्ली में भी एक केस में एफआईआर से लेकर फैसला आने तक सिर्फ 60 दिन का समय लगा। आरोपी को 20 साल की सजा सुनाई गई। बिहार के छपरा में भी एक मर्डर केस में एफआईआर से लेकर फैसला आने तक सिर्फ 14 दिन लगे और आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई। यह फैसले दिखाते हैं, न्याय संहिता की ताकत और उनका प्रभाव क्या है।” प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में आगे कहा, “सरकार जब देश प्रदेश की जनता के लिए ईमानदारी से काम करती है, तो इस तरह के परिणाम देखने को मिलते हैं , जिसका हम सभी को स्वागत करना चाहिए।”
उन्होंने कहा, “कई लोग भारत में यह सोचकर निवेश करने से बचते थे कि अगर किसी भी प्रकार का मुकदमा दर्ज हुआ, तो उसमें कई साल लग जाएंगे। लेकिन, अब यह सब खत्म हो चुका है। अब सभी निवेशक बेहद ही आसानी से निवेश कर सकते हैं। निसंदेह इससे देश की अर्थव्यवस्था को एक नई गति मिलेगी। देश की उत्पादकता बढ़ेगी।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “पहले अगर किसी का एक्सीडेंट हो जाता था, तो लोग मदद करने से भी घबराते थे। उन्हें डर लगता था कि कहीं वो ना किसी कानूनी पचड़े में फंस जाएं। लेकिन, अब इन सभी झंझटों को खत्म कर दिया गया है। अंग्रेजी शासन के 1500 से ज्यादा पुराने कानून को खत्म किया है। जब यह कानून खत्म हुए, तब लोगों को हैरानी हुई थी कि क्या देश में ऐसे ऐसे कानून भी हम ढो रहे थे।” उन्होंने कहा, “इन दिनों वक्फ बोर्ड से जुड़े कानूनों को लेकर बहस हो रही है। हमें चाहिए कि हम उन कानूनों को भी महत्व दें, जो नागरिकों के स्वाभिमान को बढ़ाने का काम करते हैं।”
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