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हलकी बारिश से सर्द हवा के बीच काले बादलों से घिरा आसमान

jantaserishta.com
28 Nov 2023 1:17 PM GMT
हलकी बारिश से सर्द हवा के बीच काले बादलों से घिरा आसमान
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कुरुक्षेत्र : मौसम की बदलती हालत को दर्शाती है जब बादलों का आगमन होता है और तापमान में ठंडक आती है, लेकिन बूंदाबांदी के क्षेत्र में इसका परिणाम स्थानीय हो सकता है। यहां तक कि बूंदाबांदी क्षेत्र में तापमान में कुछ हद तक गिरावट हो सकती है और यह दिन के दौरान ठंडे मौसम का आनंद लेने के लिए मदद कर सकता है।

बूंदाबांदी में आमतौर पर बादलों की संख्या बढ़ती है, जो सूरज की तेज धुप को रोकने में मदद करती है और तापमान में कुछ हद तक गिरावट लाती है। इसलिए, बादलों का आगमन और सर्द हवा का मिलना एक आम तापमान में कमी लाने के लिए संदेश हो सकता है।

कृपया ध्यान दें कि यह स्थिति स्थानीय मौसम के निर्देशों और प्रकृति के अन्य कारकों पर भी निर्भर कर सकती है, जिससे अंतर्निहित तापमान में बदलाव हो सकता है।

रविवार को भी तापमान में कुछ गिरावट महसूस की गई थी और कुछ घंटे तक ही धूप निकली, जिसका भी कोई ज्यादा असर नहीं था लेकिन सोमवार को सुबह लोग नींद से जागे तो आसमान में बादल छाए मिले, जो देर शाम तक रहे। इसके साथ दोपहर के समय बूंदाबांदी भी कई जगहों पर हुई तो सर्द हवा भी चली। वहीं धूप न खिलने के चलते सर्दी और बढ़ गई। जहां अधिकतम तापमान 21.2 तो न्यूनतम 12.1 डिग्री से तक रहा जबकि रविवार को ही अधिकतम तापमान 22.2 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 14.1 डिग्री सेल्सियस तक रिकॉर्ड किया गया था।

तीन दिसंबर से बढ़ने लगेगी सर्दी
अगले पांच दिन तक जहां मौसम के साथ-साथ तापमान सामान्य रहेगा वहीं तीन दिसंबर से इसमें गिरावट होने लगेगी। मौसम विशेषज्ञों की माने तो तीन दिसंबर से न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस रहेगा और इससे अगले ही दिन यह 10 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है।

गेहूं की फसल को होगा फायदा : डॉ सिंह
वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डाॅ. सीबी सिंह का कहना है कि इस मौसम का करीब 20 दिन पहले बुआई की जा चुकी गेहूं की फसल को फायदा है जबकि इससे वर्तमान में की जा रही आलू की बिजाई पर विपरीत आंशिक असर पड़ सकता है। मौसम में हल्का परिवर्तन हुआ है फिलहाल बारिश की उम्मीद नहीं है। उनका कहना है कि सर्दी का मौसम सब्जियां उगाने के लिए अनुकूल है। दिसंबर और जनवरी के महीने में किचन गार्डनिंग के लिए बहुत अच्छे हैं।
डाॅ. सिंह के अनुसार गाजर-मूली की बिजाई दिसंबर के महीने तक चलती है। पालक, मेथी, धनिया और सरसों की मांग रहती है। इन को सर्दियों के मौसम में ही उगाया जाता है। बैंगन की खेती के लिए सर्द वातावरण ही सबसे उत्तम रहता है। सर्दियों में गोभी वर्गीय सब्जियां जैसे फूलगोभी, पत्ता गोभी और ब्रोकली की खेती करना ज्यादा आसान होता है।

नोट- खबरों की अपडेट के लिए जनता से रिश्ता पर बने रहे।

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