अमृतसर। पंजाब के पूर्व मंत्री और शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ दर्ज ड्रग्स मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने उन्हें 18 दिसंबर को पेश होने के लिए बुलाया है।
एसआईटी ने अमृतसर के पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन को निर्देश दिया है कि वह 18 दिसंबर को एसआईटी अध्यक्ष के सामने उनके कार्यालय में पेश होने के लिए मजीठिया के साथ इसे नोट कराएं।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मजीठिया ने कहा कि उन्हें भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार से ‘प्रेम पत्र’ की उम्मीद थी। उन्होंने कहा कि इस तरह की रणनीति उन्हें सरकार की गलत नीतियों को उजागर करने से कभी नहीं भटकाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि इससे पहले उनकी पत्नी को एक मामले में बेवजह फंसाया गया था, जिसे जल्द ही कानूनी तौर पर निपटा दिया जाएगा।
मजीठिया पर मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व वाली तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा राज्य विधानसभा चुनाव से पहले 20 दिसंबर, 2021 को नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था।
यह मामला तत्कालीन एंटी-ड्रग स्पेशल टास्क फोर्स के प्रमुख हरप्रीत सिंह सिद्धू की 2018 की रिपोर्ट के आधार पर दर्ज किया गया था, जिन्होंने आगे की जांच की सिफारिश की थी। मजीठिया ने इसे राजनीति से प्रेरित मामला बताते हुए आरोपों में भूमिका से इनकार किया था।
इस साल मई में, पंजाब पुलिस ने एसआईटी प्रमुख को बदल दिया और ‘प्रशासनिक आधार’ पर तत्कालीन सतर्कता ब्यूरो निदेशक राहुल एस के स्थान पर तत्कालीन आईजी, पटियाला रेंज, मुखविंदर सिंह छीना को इसका प्रमुख नियुक्त किया।