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साधा निशाना: जिग्नेश मेवाणी असम से लौटे, 'गुजरात बंद' का अल्टीमेटम भी दिया
jantaserishta.com
4 May 2022 3:51 AM GMT
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अहमदाबाद. असम की जेल से रिहा किए जाने के बाद विधायक जिग्नेश मेवाणी गुजरात पहुंच गए हैं. आते ही उन्होंने प्रदेश बंद की चेतावनी दे दी है. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक उन्होंने कहा है कि अगर ऊना में दलितों की पिटाई के विरोध में 2016 में हुए आंदोलन के दौरान दर्ज केस वापस नहीं लिए गए तो 1 जून को गुजरात बंद किया जाएगा. जिग्नेश की अगुआई में ही ये आंदोलन किया गया था. इसकी गूंज संसद तक सुनाई दी थी. गुजरात के वडगाम से सांसद जिग्नेश मेवाणी को हाल ही में असम पुलिस ने दो मामलों में एक के बाद एक गिरफ्तार किया था. बरपेटा की अदालत ने पुलिस को कड़ी फटकार लगाते हुए 29 अप्रैल को जिग्नेश को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था.
जिग्नेश को पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ट्वीट करने के मामले में असम पुलिस ने गुजरात जाकर अरेस्ट किया था. उस मामले में जमानत मिलने के बाद पुलिस ने उन्हें एक महिला पुलिसकर्मी से बदसलूकी और हमले के आरोप में 25 अप्रैल को फिर गिरफ्तार कर लिया. जिग्नेश को जमानत देते हुए असम की अदालत ने उन्हें इस मामले में फंसाने के लिए पुलिस को कड़ी फटकार लगाई. कोर्ट ने कहा कि पीड़ित महिला के बयानों को देखने से पहली नजर में साफ है कि आरोपी को फंसाने के लिए ये केस बनाया गया है. अगर पुलिस की ऐसी मनमानी नहीं रोकी गई तो असम एक पुलिस स्टेट बन जाएगा.
इसके बाद जिग्नेश ने कांग्रेस दफ्तर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए असम सरकार पर पीएमओ के इशारे पर उनके खिलाफ साजिश का आरोप लगाया. फिल्म पुष्पा की स्टाइल में उन्होंने कहा था कि वह फ्लावर नहीं फायर हैं, झुकेंगे नहीं. अब गुजरात पहुंचने के बाद जिग्नेश ने अहमदाबाद में जनसभा करते हुए प्रदेश सरकार को चुनौती दे डाली है. उन्होंने कहा कि जिस तरह पाटीदार आंदोलन मामले में दर्ज केस वापस लिए जा रहे हैं, वैसे ही ऊना की घटना को लेकर हुए प्रदर्शन के दौरान दलितों के खिलाफ जो केस दर्ज किए गए थे, उन्हें वापस लिया जाए. उन्होंने पाटीदार आंदोलन के केस वापस लिए जाने पर कहा कि ये अच्छी बात है, हम इसका समर्थन करते हैं.
जिग्नेश मेवाणी ने असम में अपने खिलाफ दर्ज केसों को लेकर एक बार फिर हमला बोला. उन्होंने जनसभा में कहा कि असम पुलिस ने जब गुजरात आकर एक मौजूदा सांसद को गिरफ्तार किया था तो लोग चौंक गए थे. उन्होंने आरोप लगाया कि ये सब बीजेपी और आरएसएस के खिलाफ मेरी मुहिम की वजह से किया गया था. मैं लोगों को कसम दिला रहा हूं कि बीजेपी को वोट न दें और आरएसएस की शाखाओं में न जाएं. इससे वो लोग परेशान हैं. जिग्नेश ने उन्हें जमानत देते हुए पुलिस के खिलाफ कड़ी टिप्पणी करने वाले जज की तारीफ की. उन्होंने कहा कि आजकल ऐसे लोगों की संख्या बहुत कम हो गई है, जिनमें रीढ़ है, लेकिन मैं उस जज को सलाम करता हूं, जिन्होंने मजबूत रीढ़ दिखाई है.
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