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कोरोना की चौथी लहर आने के संकेत?, जानें XE वैरिएंट के लक्षण

Nilmani Pal
12 April 2022 1:05 AM GMT
कोरोना की चौथी लहर आने के संकेत?, जानें XE वैरिएंट के लक्षण
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COVID-19 XE Variant: कोरोना के नए वैरिएंट XE ने भारत के 2 राज्यों (गुजरात और मुंबई) में दस्तक दे दी है. बीएमसी ने मुंबई में फिर से XE वैरिएंट से संक्रमित शख्स मिलने का दावा किया है तो गुजरात में भी एक शख्स की रिपोर्ट नए वायरस के लिए पॉजिटिव आई है. प्रारंभिक रिपोर्ट्स के मुताबिक, COVID-19 का यह नया वैरिएंट काफी संक्रामक है और काफी तेजी के साथ फैलता है. महाराष्ट्र और गुजरात में XE वैरिएंट के 2 नए मामले मिलने के बाद लोगों में चौथी लहर की चिंता बढ़ने लगी है.

XE ओमिक्रॉन के 2 सब लीनेज BA.1 और BA.2 का रीकॉम्बिनेंट स्ट्रेन है और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस वैरिएंट को कोरोना के BA.2 वैरिएंट की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक संक्रामक बताया है. हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि XE वैरिएंट हल्का प्रतीत होता है. किसी भी वायरस से बचे रहने के लिए उसके लक्षण जानना बेहद जरूरी है. इसलिए इस आर्टिकल में XE वैरिएंट के लक्षण, सावधानी के साथ ये भी जानेंगे कि क्या XE वैरिएंट भारत में चौथी लहर ला सकता है?

हिंदुजा अस्पताल और मेडिकल रिसर्च सेंटर, खार में क्रिटिकल केयर के सलाहकार डॉ. भारेश डेढिया के मुताबिक, XE हाइब्रिड स्ट्रेन का मेडिकली रूप से कोई भी इस वैरिएंट के बीच अंतर नहीं कर सकता. ऐसा लगता है कि नया सब-वैरिएंट XE, ओमिक्रॉन के सभी लक्षणों के ही समान है. यह आमतौर पर हल्का है और बहुत गंभीर भी नहीं है. यह ध्यान रखना चाहिए कि XE वैरिएंट लगभग 3 महीने से मौजूद है और अभी तक ओमिक्रॉन की तरह पूरी दुनिया में नहीं फैला है. इसलिए कहा जा सकता है कि यह कोई अलग वैरिएंट नहीं है, बल्कि ओमिक्रॉन के ही समान है. अन्य एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अभी तक इस बात का कोई सबूत नहीं है कि XE वैरिएंट के लक्षण पहले से मौजूद वैरिएंट से अलग हैं. एक्सपर्ट ने अभी तक XE वैरिएंट के जो लक्षण बताए गए हैं, वो हैं:

- थकान (Fatigue)

- सुस्ती (Lethargy)

- बुखार (Fever)

- सिरदर्द (Headache)

- शरीर में दर्द (Body pain)

- घबराहट (Palpitations)

- हार्ट संबंधित समस्याएं (Heart issues)

क्या XE वैरिएंट चौथी लहर का कारण बन सकता है (Can the variant lead to the 4th wave)

हैदराबाद में यशोदा अस्पताल में डॉ. सलाहकार पल्मोनोलॉजिस्ट चेतन राव वड्डेपल्ली के मुताबिक, "यह कहना काफी मुश्किल होगा कि XE वैरिएंट से संक्रमित लोग अधिक गंभीर हो रहे हैं या उन्हें हॉस्पिटल में एडमिट होने की संभावना है. साथ ही साथ, इस वैरिएंट से मृत्यु दर में भी वृद्धि नहीं देखी जा रही है. इसे साबित करने के लिए अभी और रिसर्च की आवश्यकता है.

WHO की चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन (Scientist Soumya Swaminathan) के मुताबिक, XE वैरिएंट डेल्टा वैरिएंट की तरह खतरनाक नहीं होगा. भारत में अधिकांश लोग वैक्सीनेटेड हो चुके हैं. शुरुआती आंकड़ों के मुताबिक, यह कहा जा रहा है कि यह वैरिएंट अन्य वैरिएंट से 10 प्रतिशत अधिक तेजी से फैलता है. लेकिन अभी इस वैरिएंट पर अधिक स्टडी की जा रही है. अभी इससे संक्रमित मरीजों के गंभीर मामले सामने नहीं आए हैं.

रोटरी क्लब ऑफ मद्रास के कोविड टास्क फोर्स के डायरेक्टर डॉ. पवित्रा वेंकटगोपालन ने चौथी लहर के बारे में कहा, XE वैरिएंट नई लहर का कारण बनेगा या एक नया वैरिएंट अगली लहर का कारण बनेगा, इस बारे में हम भविष्यवाणी नहीं कर सकते. इस महामारी के दौरान कई वैरिएंट की पहचान की गई हैं, जिनमें से अधिकांश वैरिएंट अधिक संक्रामक नहीं थे और काफी जल्दी खत्म हो गए. 2022 से यूके में इस वैरिएंट के बारे में चर्चाएं हो रही हैं, लेकिन अभी तक कम गंभीर मामले ही सामने आए हैं. इसका मतलब यह है कि चिंता कम है और इसके अलावा जो लोग पिछले वैरिएंट ओमिक्रॉन से संक्रमित थे, उन लोगों में नए वैरिएंट के लिए पर्याप्त एंटीबॉडी हैं. इसलिए अगली लहर की संभावना काफी कम है.


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