बिहार के समस्तीपुर में लूट की घटना को चोरी बता प्राथमिकी दर्ज करना थानाध्यक्ष सह सबइंस्पेक्टर ब्रज किशोर सिंह को महंगा पड़ गया। व्यवसायी की शिकायत पर प्रभारी एसपी अशोक प्रसाद ने मामले की गहन जांच में दोषी पाकर तत्काल प्रभाव से थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया। निलंबन के दौरान उनका मुख्यालय पुलिस केंद्र बनाया गया है। यह घटना कल्याणपुर थाना से जुड़ी हुई है। लूट की घटना की चोरी के मामले में केस दर्ज करने के बाद निलंबन की कारवाई से पुलिस महकमा में हड़कंप मच गया है। प्रभारी एसपी अशोक प्रसाद ने बताया कि तीन अप्रैल की सुबह कल्याणपुर थाना क्षेत्र में व्यवसायी की पिकअप लूट की घटना हुई थी। पिकअप में लगभग नौ लाख का सामान था। इस दौरान लगभग अस्सी हजार नकद भी लूटा गया था। चार अपराधियों ने घटना को अंजाम दिया और व्यवसायी को मकई के खेत में हाथ पैर बांध रख दिया। सुबह स्थानीय लोगों की मदद से व्यवसायी थाना पहुंचा, लेकिन पुलिस ने लूट के मामले की चोरी में मामला दर्ज की। इसके बाद व्यवसायी ने इसकी सूचना प्रभारी एसपी को दी। जिस पर उन्होंने स्वयं थाना जाकर मामले की पूरी जांच की। जांच में मामला सही पाया गया। जिसके बाद एसपी ने निलंबन की कार्रवाई की। एसपी ने बताया कि पीड़ित व्यवसायी ने छह अप्रैल को सूचना दी थी, जिसकी उन्होंने जांच पड़ताल की थी।
वैशाली जिले के बिदुपुर थाना क्षेत्र के आमेर गांव निवासी पिकअप चालक पोषण राय के पुत्र लक्ष्मण कुमार ने कल्याणपुर थाना में आवेदन दिया था। जिसमें समस्तीपुर दरभंगा मुख्य रोड के बाघमारा पुल के समीप पिकअप लूट की बात कही थी, लेकिन घटना को पिकअप चोरी कहकर प्राथमिकी दर्ज की गई। जिसके बाद एसपी से मिलकर व्यवसायी ने शिकायत की थी।
इस मामले में प्रभारी एसपी समस्तीपुर अशोक प्रसाद ने कहा कि लूट के बदले चोरी का केस दर्ज किया गया। इससे अपराधी का मनोबल बढ़ेगा। साथ ही चोरी की प्राथमिकी दर्ज करने के दो दिन बाद भी मामले की सच्चाई जानने एवं जांच करने की जरुरत नहीं समझी गयी। व्यवसायी की शिकायत पर मामले की जांच की गयी। जिसके बाद निलंबित कर दिया गया।