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श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाह ईदगाह मस्जिद केस, अब इस शख्स ने किया भगवान कृष्ण के वंशज होने का दावा, कही यह बात

jantaserishta.com
27 May 2022 7:29 AM GMT
श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाह ईदगाह मस्जिद केस, अब इस शख्स ने किया भगवान कृष्ण के वंशज होने का दावा, कही यह बात
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नई दिल्ली: मथुरा का श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह विवाद मामला अदालत में है और इस पर अगली सुनवाई एक जुलाई को होगी. इस बीच मनीष यादव नाम के एक शख्स ने भगवान कृष्ण के "प्रत्यक्ष वंशज" होने का दावा किया है. साथ ही कोर्ट में कृष्ण जन्मभूमि स्थल पर यथास्थिति के लिए एक आवेदन दिया है.

मनीष यादव ने मांग की है कि ईदगाह के सर्वेक्षण के लिए तीन सदस्यीय कोर्ट कमिश्नर का पैनल नियुक्त किया जाए. आवेदन में ईदगाह में बंद कमरों को खोलने, इलाके की सफाई और सर्वे के दौरान पुलिस सुरक्षा के इंतजाम करने की भी मांग की गई है.
बता दें कि गुरुवार को श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह विवाद मामले में सुनवाई के दौरान हिंदू पक्ष ने अदालत में 13.37 एकड़ जमीन से जुड़े कागजात जमा किए और इस केस की सुनवाई जल्द से जल्द करने की मांग की. वहीं, दूसरी तरफ मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट में जमा किए गए दस्तावेजों की कॉपी मांगी. कोर्ट ने हिंदू पक्ष को कॉपी देने का आदेश दिया है.
इस केस में 1968 के समझौते को चुनौती दी गई है, जिसके तहत श्रीकृष्ण जन्मभूमि की जमीन कथित तौर पर ईदगाह को दे दी गई थी. अर्जी में कहा गया है कि समझौते करने वाले ट्रस्ट को समझौता करने का अधिकार ही नहीं था, इसलिए समझौते को अवैध बताते हुए ईदगाह खाली कराने की मांग की गई है. वहीं, मुस्लिम पक्ष का कहना है कि याचिका बाहरी लोगों ने दायर की है.
इधर, सिविल कोर्ट की ओर से फैसला करने में की जा रही देरी के खिलाफ गुरुवार को जिला जज की अदालत में एक पुनर्विचार याचिका भी दायर की गई. कोर्ट ने 1 जुलाई को कई याचिकाओं पर सुनवाई की तारीख दे रखी है. उससे पहले जिला जज की अदालत में ये नई याचिका दायर की गई है. इसकी कोई तारीख फिलहाल तय नहीं की गई है.
इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) ने ज्ञानवापी और मथुरा मस्जिद को लेकर दायर की गई याचिका को गलत बताया है. साथ ही कहा है कि कोर्ट को याचिका मंजूर नहीं करनी चाहिए थी. वहीं, PFI की बैठक में फैसला लिया गया है कि मस्जिदों के खिलाफ जो कार्रवाई की जा रही है, इसका विरोध किया जाएगा. बता दें की PFI पर दिल्ली हिंसा में लोगों को भड़काने और फंडिंग के आरोप लगे थे, साथ ही उत्तर प्रदेश, असम में CAA और NRC को लेकर हुए प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़काने के भी आरोप लगे थे.
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