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होली पर चली गोली: रंग लगाने को लेकर दो दोस्तों में हुआ था विवाद, मची चीख-पुकार

jantaserishta.com
19 March 2022 10:20 AM GMT
होली पर चली गोली: रंग लगाने को लेकर दो दोस्तों में हुआ था विवाद, मची चीख-पुकार
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सीकर: राजस्थान के सीकर जिले स्थित एक गांव में होली की खुशियां उस वक्त मौत के मातम में बदल गईं जब एक दोस्त ने अपने ही दोस्त को गोली मार दी. दोनों के बीच रंग लगाने को लेकर विवाद हुआ था. धीरे-धीरे विवाद इतना बढ़ गया कि बंदूक से गोली चलाने की बात होने लगी. ऐसे में एक साथी ने बंदूक निकाल ली. जिसके बाद दोनों ने बंदूक को अपनी-अपनी तरफ खींचना शुरू कर दिया. इसी बीच अचानक से गोली चली, जो एक साथी को जा लगी जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई. दूसरा साथी घटना के बाद दोस्त के शव को दूसरी जगह फेंक कर मौके से फरार हो गया.

गोलीकांड होने की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस ने घटना को लेकर लोगों से पूछताछ की. मृतक का शव मिलने पर पुलिस ने उसका मोस्टमॉर्टम करवा कर उसे परिजनों को सौंप दिया है. घटना के बाद से मृतक के परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है. वहीं, इस गोलीकांड से पूरे गांव में मौत का मातम पसरा हुआ है.
सदर पुलिस थाना जांच अधिकारी मदनलाल ने बताया कि सिहोट छोटी के रहने वाले फूलाराम मेघवाल और गणपत राम बावरिया दोनों धुलंडी के मौके पर रामा-श्यामा करने के लिए गांव के ही बलबीर नेहरा के घर पर गए हुए थे. जहां गणपत राम बावरिया ने फूलाराम मेघवाल को रंग लगाने की बात कही लेकिन फूलाराम मेघवाल ने रंग लगवाने से मना कर दिया. इसी बात पर दोनों के बीच विवाद हो गया. ऐसे में फूलाराम मेघवाल ने गणपतराम बावरिया से कहा कि वह उसे गोली मार देगा. जिसके बाद फूलाराम मेघवाल ने गणपत राम बावरिया से उसकी बंदूक ली और गोली चला दी. जो गणपत राम बावरिया की छाती पर जा लगी. जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई.
जांच अधिकारी मदनलाल के मुताबिक गणपतराम बावरिया के गोली लगने के बाद फूलाराम मेघवाल ने उसे हॉस्पिटल ले जाने की बात कही. ऐसे में वह बलवीर नेहरा के घर पर खड़ी गाड़ी से गणपत राम बावरिया की बॉडी को बड़साना जोहड़ा में पेड़ों के पास फेंक कर फरार हो गया. फिलहाल मृतक के शव का पोस्टमॉर्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया गया है. मामले में बलबीर नेहरा ने रिपोर्ट दर्ज करवाई है जिस पर जांच शुरू कर दी गई है.
सिहोट छोटी के ही रहने वाले बलबीर नेहरा ने बताया है कि जिस दौरान यह घटना हुई. वह घर पर मौजूद नहीं था. घर लौटने के बार उसकी बेटी ने बताया कि गणपत राम बावरिया और फूलाराम मेघवाल दोनों बंदूक को अपनी-अपनी तरफ खींच रहे थे. इसी बीच ट्रिगर दबने से गोली चल गई जिससे गणपतराम बावरिया की मौत हो गई.


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