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ओमिक्रॉन संक्रमण को लेकर चौंकाने वाली स्टडी, लेकिन भारत के लिए है राहत भरी खबर, जाने कैसे

jantaserishta.com
28 Dec 2021 2:59 PM GMT
ओमिक्रॉन संक्रमण को लेकर चौंकाने वाली स्टडी, लेकिन भारत के लिए है राहत भरी खबर, जाने कैसे
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नई दिल्ली: ओमिक्रॉन वैरिएंट पहली बार नवंबर में दक्षिणी अफ्रीका और हांगकांग में पाया गया था, तब से अब तक ओमिक्रॉन वैरिएंट 90 से अधिक देशों में फैल चुका है. Covid-19 के ओमिक्रॉन वैरिएंट को डेल्टा वैरिएंट से अधिक खतरनाक माना जा रहा है.

यह वैरिएंट भारत में भी काफी तेजी से फैल रहा है और देश में अभी तक इसके 687 केस सामने आ चुके हैं. भारत में कोरोना की दूसरी लहर में डेल्टा और डेल्टा प्लस वैरिएंट ने तबाही मचाई थी. अब कई एक्सपर्ट्स अंदेशा जता रहे हैं कि ओमिक्रॉन की वजह से भारत में कोरोना महामारी की तीसरी लहर आ सकती है. ओमिक्रॉन संक्रमण को लेकर तमाम चिंता बढ़ाने वाली बातें सामने आ चुकी हैं लेकिन अब एक नई स्टडी में कहा गया है कि इस नए वैरिएंट से संक्रमण होने के बाद डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ एंटीबॉडी असरदार हो रही हैं.
दुनिया भर में ओमिक्रॉन वैरिएंट के म्यूटेशन को डिकोड करने और इसके खिलाफ इम्यूनिटी विकसित कररे के तरीकों पर साइंटिस्ट रिसर्च कर रहे हैं. हाललही में दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिकों के द्वारा की गई रिसर्च के मुताबिक, ओमिक्रॉन वैरिएंट कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ इम्यूनिटी को मजबूत करता है. भारत के लिए यह स्टडी राहत देने वाली हो सकती है, क्योंकि भारत में अधिकतर एक्टिव केस डेल्टा वैरिएंट के ही हैं और ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों के बावजूद अभी भी डेल्टा वैरिएंट ही हावी है.
रिसर्च में बताया गया है कि जो लोग ओमिक्रॉन से संक्रमित थे, विशेष रूप से वे लोग जिन्हें वैक्सीन लगा चुकी थी, उनमें कोरोना के डेल्टा वैरिएंट के लिए इम्यूनिटी बढ़ गई थी. स्टडी में दक्षिण अफ्रीका में ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित हुए 33 लोग (जिन्हे वैक्सीन लगी थी और जिन्हें वैक्सीन नहीं लगी थी) शामिल हुए थे.
वैज्ञानिकों ने पाया कि 14 दिनों में ओमिक्रॉन का न्यूट्रलाइजेशन (शरीर में एंटीबॉडी विकसित होने से वायरस का बेअसर होना) 14 गुना बढ़ गया है और वहीं डेल्टा वैरिएंट के न्यूट्रलाइजेशन में भी 4.4 गुना की वृद्धि हुई है.
वैज्ञानिकों ने कहा, "ओमिक्रॉन से संक्रमित व्यक्तियों में डेल्टा वैरिएंट को बेअसर करने वाली इम्यूनिटी विकसित होने के परिणामस्वरूप डेल्टा वैरिएंट की उन व्यक्तियों को फिर से संक्रमित करने की क्षमता कम हो सकती है." यानी कि जो लोग ओमिक्रॉन वायरस के संक्रमण में होने के बाद रिकवर हो चुके हैं उन लोगों में डेल्टा वैरिएंट का खतरा कम हो जाएगा.
दक्षिण अफ्रीका में अफ्रीका हेल्थ रिसर्च इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर एलेक्स सिगल (Alex Sigal) ने सोमवार को ट्वीट किया कि दक्षिण अफ्रीका के अनुभवों के मुताबिक, ओमिक्रॉन कम रोगजनक (Pathogenic) था, "इससे डेल्टा वैरिएंट को खत्म होने में मदद मिलेगी."
दक्षिण अफ्रीका में पहले हुई एक स्टडी के मुताबिक, डेल्टा वन (Delta one) की तुलना में ओमिक्रॉन वैरिएंट (Omicron variant) से संक्रमित लोगों में अस्पताल में भर्ती होने और गंभीर बीमारी का जोखिम कम होता है.
भारत में डेल्टा वैरिएंट की स्थिति
वहीं, अगर भारत की बात की जाए तो डेल्टा वेरिएंट का पहला मरीज महाराष्ट्र में सामने आया था. भारत में अभी भी अधिकतर मरीज डेल्टा वैरिएंट के ही हैं.
रिसर्चर्स के मुताबिक, कोविड-19 एक RNA वायरस (RNA Virus) है, जो कि म्यूटेट होने की क्षमता रखता है. भारत में कोरोना के डेल्टा वैरिएंट के अधिक म्यूटेशन के कारण डेल्टा प्लस वैरिएंट भी सामने आया था.
भारत में अभी 75,456 कोरोना पेशेंट का इलाज चल रहा है.11 दिसंबर को देश में 6358 नए केस मिले और 6450 पेशेंट रिकवर हुए थे. इसको देखते हुए इंडिया में रिकवरी रेट 98.40 प्रतिशत हो गया है.
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