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मुंबई: केंद्रीय मंत्री नारायण राणे (Narayan Rane) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. अब मुंबई महानगर पालिका (BMC) ने नारायण राणे को जूहू स्थित बंगले में अवैध निर्माण को लेकर कारण बताओ नोटिस (Show Cause Notice) भेजा है.
इससे पहले बीएमसी के कुछ अधिकारियों ने उनके जुहू स्थित बंगले 'अधीश' का 21 फरवरी को निरीक्षण किया था. अधिकारियों को नारायण राणे के बंगले का कंस्ट्रक्शन अवैध लगा था. इसी अवैध निर्माण से संबंधित मामले में उन्हें कारण बताओ नोटिस भेजा गया है. इस पर नारायण राणे से जवाब मांगा गया है. बीएमसी ने नारायण राणे को जवाब देने के लिए 7 दिन का समय दिया है.
कंस्ट्रक्शन में किए गए कई बदलाव
आर्टलाइन प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड को दिए गए नोटिस के मुताबिक बंगले के बेसमेंट और बंगले की सातवीं मंजिल को छोड़कर बाकी सभी फ्लोर के कंस्ट्रक्शन में कई बदलाव हुए हैं.
2017 में आरटीआई कार्यकर्ता ने की थी शिकायत
दरअसल, नारायणे राणे ने महानगर पालिका की इजाजत लिए बिना बंगले में कुछ मॉडिफिकेशन करवाए हैं, यह शिकायत आरटीआई कार्यकर्ता संतोष दौंडकर ने 2017 में बीएमसी कमिश्नर इकबाल सिंह चहल को की थी.
RTI एक्टिविस्ट ने बताया था कि नारायण राणे के बंगले के चार माले लीगल नहीं हैं. आरोप ये भी लगाया गया है कि यह बंगला समुद्र के 50 मीटर के दायरे में बनाया गया है. सीआरजेड कानून के तहत समुद्री सीमा से 50 मीटर की दूरी में कोई भी निर्माण कार्य नहीं किया जा सकता है.
BMC की टीम ने की थी राणे से पूछताछ
महानगर पालिका की टीम ने राणे के बंगले का निरीक्षण करने के बाद इससे संबंधित कुछ सवाल किए थे. बंगले के निरीक्षण के बाद इससे संबंधित रिपोर्ट कमिश्नर चहल के पास भेजी गई. इसके बाद राणे को कारण बताओ नोटिस थमाया गया है.
इससे पहले शनिवार को नारायण राणे से मालवणी पुलिस स्टेशन में दिशा सालियन केस में उनके दिए गए बयान पर अपना स्टेटमेंट दर्ज करने के लिए बुलाया गया था.
jantaserishta.com
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