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कंपनियों को झटका: सुप्रीम कोर्ट ने पटाखा कंपनियों को भेजा अवमानना नोटिस, ये है वजह

jantaserishta.com
29 Sep 2021 12:33 PM GMT
कंपनियों को झटका: सुप्रीम कोर्ट ने पटाखा कंपनियों को भेजा अवमानना नोटिस, ये है वजह
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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने पटाखे और आतिशबाजी बनाने वाली सात निर्माता कंपनियों को कोर्ट की अवमानना का नोटिस भेजा है. हालांकि कोर्ट इन कंपनियों को अगली सुनवाई में अपना पक्ष रखने के लिए एक और मौका देगा. मामले की अगली सुनवाई 6 अक्टूबर को होगी.

कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि पटाखों की वजह से अस्थमा और अन्य रोगों से पीड़ित लोगों को परेशानी होती है. हर त्योहार और समारोह में पटाखे जलाए जाते हैं और लोग परेशान होते रहते हैं. लेकिन किसी को कोई लेना-देना नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी सीबीआई की वकील की उस दलील पर दी, जिसमें कहा गया कि रिपोर्ट पर अदालत गौर करे. सुप्रीम कोर्ट 6 अक्टूबर को मामले की सुनवाई करेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने आतिशबाजी और पटाखों पर पाबंदी और ग्रीन पटाखों पर सीबीआई की रिपोर्ट में दर्ज तथ्यों को काफी गंभीर माना है. रिपोर्ट छुपाने के लिए कोर्ट ने पटाखा निर्माताओं को जिम्मेदार माना है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि आप त्योहार का उत्सव मनाना चाहते हैं. हम भी मनाना चाहते हैं लेकिन किस कीमत पर ये भी हमें सोचना होगा.
सुनवाई के दौरान एएसजी ऐश्वर्या भाटी ने अपनी व्यथा सुनाते हुए कहा कि उनका एक बेटा भी अस्थमा से परेशान रहता है. वो भी इसी शहर में रहते हैं. किसी दूसरे ग्रह से नहीं टपके हैं.
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एम आर शाह और जस्टिस बोपन्ना की पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि पिछले साल हमने अपने आदेश का उल्लंघन करने की घटनाओं पर सीबीआई जांच का आदेश दिया था. सीबीआई की प्रारंभिक जांच में पटाखा निर्माताओं द्वारा किए गए कई उल्लंघनों का पता चला.
कच्चे माल और पटाखों के विभिन्न नमूने एकत्र किए गए और विश्लेषण के लिए भेजे गए. जिसमें यह पाया गया कि कई निर्माता बेरियम का उपयोग कर रहे हैं जिसमें अदालत ने प्रतिबंधित कर दिया था.
जांच में यह भी पाया गया कि पटाखों के निर्माण के लिए उनके उपयोग पर प्रतिबंध के बावजूद निर्माताओं द्वारा भारी मात्रा में बेरियम खरीदा गया. यह भी पाया गया है कि पटाखों पर लेबल भ्रामक थे. रासायनिक संरचना और निर्माण की तारीख भी शामिल नहीं थी.
लेकिन उन्हें (निर्माताओं) अपना मामला आगे रखने और अगली सुनवाई में अपना पक्ष रखने के लिए एक और मौका देने के लिए, सीबीआई के निष्कर्षों की रिपोर्ट उनके साथ साझा की जाएगी.


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