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सीएम अशोक गहलोत को झटका, सेशन कोर्ट ने समन रद्द करने से किया इनकार

HARRY
1 Aug 2023 1:36 PM GMT
सीएम अशोक गहलोत को झटका, सेशन कोर्ट ने समन रद्द करने से किया इनकार
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राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत को झटका लगा है। शेखावत मानहानि मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने मजिस्ट्रेट कोर्ट के समन को रद्द करने से इनकार कर दिया है। साथ ही 7 अगस्त को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेश होने की अनुमति दी है। मजिस्ट्रेट कोर्ट के समन को मंगलवार को सुनवाई के दौरान सेशन कोर्ट ने रद्द करने से मना कर दिया। गहलोत समन के खिलाफ सोमवार को सेशन कोर्ट गए थे। जिस पर मंगलवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में जज एमके नागपाल ने सुनवाई की। गहलोत की ओर से वरिष्ठ वकील दयान कृष्णन और मोहित माथुर ने दलीलें पेश की। जबकि, शेखावत की ओर से वरिष्ठ वकील विकास पाहवा पेश हुए। दोपहर ढाई बजे शुरू हुई सुनवाई तीन बजे तक चली। इसके बाद कोर्ट ने मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया। कोर्ट ने पांच बजे फैसला सुनाते हुए गहलोत के खिलाफ जारी समन को रद्द करने से इनकार करते हुए उन्हें सात अगस्त को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेश होने की अनुमति दे दी।

कोर्ट ने व्यक्तिगत रूप से पेश होने का दिया था आदेश
बता दें छह जुलाई को राउज एवेन्यू स्थित एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) हरजीत सिंह जसपाल की कोर्ट ने गहलोत को समन जारी कर सात अगस्त को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए कहा था। शेखावत ने कथित मानहानि के लिए कांग्रेस नेता के खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग की गई थी। साथ ही कथित संजीवनी घोटाले से संबंधित टिप्पणियों पर शेखावत की शिकायत के बाद गहलोत को तलब किया था। यह मामला संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी द्वारा हजारों निवेशकों को कथित तौर पर लगभग 900 करोड़ रुपये का चूना लगाने से संबंधित है।
तीन बिंदुओं पर जांच करने का आदेश
कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को तीन बिंदुओं पर जांच करने का निर्देश दिया था कि क्या मुख्यमंत्री गहलोत ने शेखावत को आरोपी कहकर संबोधित किया था? क्या अशोक गहलोत ने कहा कि गजेंद्र सिंह शेखावत पर संजीवनी घोटाले में आरोप साबित हुआ? संजीवनी घोटाले में गजेंद्र सिंह शेखावत या उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ जांच चल रही है या फिर ये लोग मामले में आरोपी के तौर पर शामिल हैं। संजीवनी घोटाले को लेकर एक मामला राजस्थान हाईकोर्ट में भी लंबित है। जिसमें केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और उनके परिवार के सदस्यों के नाम शामिल हैं। इस मामले में जोधपुर हाईकोर्ट में कई दौर की सुनवाई हो चुकी है।
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