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अमेरिका को झटका, खालिस्तानी आतंकवादी पन्नू मामले में अब रूस भी भारत के साथ हो गया खड़ा, कही बड़ी बात

jantaserishta.com
9 May 2024 4:27 AM GMT
अमेरिका को झटका, खालिस्तानी आतंकवादी पन्नू मामले में अब रूस भी भारत के साथ हो गया खड़ा, कही बड़ी बात
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सुपरपावर को सुना डाला.
नई दिल्ली: खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू मामले में अब रूस भी भारत के साथ खड़ा हो गया है। रूस ने अमेरिका के दावों का खंडन किया है और इसे भारत का अपमान करार दिया है। इसके अलावा रूस ने अमेरिका पर 'भारत के आंतरिक मामलों में दखल' देने के भी आरोप लगाए हैं। बीते साल नवंबर में अमेरिका के संघीय अभियोजकों ने भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता पर आरोप लगाए थे। हाल ही में वॉशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट भी आई, जिसमें पन्नू की हत्या की साजिश में RAW के अधिकारी के शामिल होने की बात कही गई थी।
रूस की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जाखारोवा ने आरोप लगाए हैं कि अमेरिका अब भारत की आंतरिक राजनीतिक स्थिति को असंतुलित करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा, 'वॉशिंगटन में भारत की राष्ट्रीय मानसिकता और इतिहास की आम समझ की कमी है, क्योंकि अमेरिका धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर निराधार आरोप लगाता जा रहा है। वॉशिंगटन की गतिविधियां साफतौर पर बताती हैं कि वह भारत के आंतरिक मामलों में दखल दे रहा है।'
उन्होंने आगे कहा, '...अटकलों की बात है, तो चूंकि कोई सबूत नहीं है तो ये स्वीकार्य नहीं है...। वे एक स्टेट के तौर पर भारत का सम्मान नहीं कर रहे हैं।' रूसी अधिकारी ने अमेरिका पर कई अन्य देशों पर भी गलत आरोप लगाने पर नाराजगी जाहिर की है।
गुप्ता पर पन्नू को मारने की असफल योजना में शामिल होने के आरोप लगे थे। खास बात है कि पन्नू भारत में वॉन्टेड हैं और उसके पास अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता है। इधर, वॉशिंगटन पोस्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया था कि पन्नू को मारने की कथित साजिश में RAW के अधिकारी शामिल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, रॉ अधिकारी विक्रम यादव ने प्लान के लिए एक हिट टीम तैयार की थी।
आरोप लगने के बाद भारत ने उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित कर दी थी। इस सप्ताह ही अमेरिका ने कहा कि वह इस मामले में भारतीय जांच के नतीजों का इंतजार कर रहे हैं। अमेरिका विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा था कि हम इसे गंभीरता से ले रहे हैं और हमें लगता है कि वे भी इसे गंभीरता से ले रहे होंगे। हालांकि, भारत ने वॉशिंगटन पोस्ट के दावों का खंडन किया था।

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