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न्यूज़ क्रेडिट: हिंदुस्तान
लखनऊ: लखनऊ में सचिवालय में समीक्षा अधिकारी की नौकरी दिलाने के नाम पर चार लोगों ने बेरोजगारों से लाखों रुपये हड़प लिये। पीड़ित जब विधानभवन पहुंचे तो नियुक्ति पत्र के फर्जी होने का पता चला था। पीड़ितों ने रुपये लौटाने को कहा तो आरोपितयों ने धमकी दी और उनकी गाड़ी व रुपये छीन लिये। एक ने हजरतगंज कोतवाली में चार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
गोमती नगर विस्तार शारदा अपार्टमेंट निवासी रामफेर तिवारी ने बताया कि करीब ढाई वर्ष पहले प्रयागराज में आजमगढ़ के विनीत पाण्डेय से मुलाकात हुई थी। विनीत उन दिनों पीसीएस की तैयारी कर रहे थे। विनीत ने बताया कि प्रयागराज में एक मंदिर के उत्तराधिकारी से उनकी अच्छी जान पहचान है। इनकी बड़े अफसरों व नेताओं से अच्छी पकड़ है। इसके जरिये ही ये लोग कई लोगों को सचिवालय में नौकरी दिला चुके हैं। उसी दौरान सचिवालय में समीक्षा अधिकारी के पद पर रिक्तियां निकली थीं। विनीत ने कहा कि किसी को नौकरी दिलानी हो तो इन पदों पर भर्ती हो जाएगी।
रामफेर तिवारी ने बताया कि वह उनकी बातों में फंस गये। वर्ष 2019 में चार अन्य लोगों से 24 लाख रुपये लेकर तीन बार में विनीत पाण्डेय को दे दिया। इसके बाद उनसे खर्चे के नाम पर 30 हजार रुपये और जमा करने को कहा गया। कुछ समय बाद परीक्षा का परिणाम निकला तो उसमें उनके चार लोगों का नाम ही चयनित सूची में नहीं था। इस पर उन्होंने विनीत से कहा तो जवाब मिला कि जल्दी ही रुपये लौटा देंगे।
कुछ समय तक विनीत और इनके साथियों ने फोन ही रिसीव करना बंद कर दिया। ओम सहाय और दुर्गा सहाय ने पिछले साल गोमतीनगर में पत्रकारपुरम के पास एक रेस्टोरेंट में बुलाया। यहां कहा कि जल्दी ही रुपये लौटा देंगे। दोनों ने लाल रंग की एक डायरी दिखायी जिसमें कई लोगों की नौकरी टीजीटी में कराने की बात लिखी हुई थी। काफी दबाव बनाने पर 12 बार में 13 लाख रुपये लौटाये। बाकी 11 लाख रुपये कुछ दिन में लौटाने की बात कही। रामफेर ने विनीत पाण्डेय, बस्ती निवासी श्याम देव पाण्डेय, मऊ निवासी दुर्गेश राय, सपा नेता ओम सहाय, फैजाबाद निवासी भोला नाथ शुक्ला व अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया हैष भोलानाथ रवींद्र पल्ली में पार्वती देवी स्कूल चलाते हैं।
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