18 साल बाद मध्यप्रदेश की राजनीति से दूर होंगे शिवराज सिंह चौहान
रायसेन। विदिशा रायसेन लोकसभा सीट से पांच बार भाजपा सांसद और चार बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान अब छठ विवाह विदिशा सीट से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे शिवराज सिंह चौहान का नाम भाजपा प्रत्याशी के रूप में फाइनल होते ही भाजपाइयों ने बम पटाखे फोड़ कर खुशियां मनाईं। भाजपा नेताओं कार्यकर्ताओं ने जिला भाजपा कार्यालय के सामने पटाखे फोड़े और मिठाई बांटीं और खुशियां खुशियां मनाईं। इस मौके पर लोकसभा संयोजक रामपाल सिंह राजपूत,सांची भाजपा विधायक डॉ प्रभुराम चौधरी ,भाजपा जिला अध्यक्ष राकेश शर्मा ,जिला उपाध्यक्ष राकेश तोमर,मनीष बंटी माहेश्वरी, श्री हिउस के अध्यक्ष कृष्ण मोहन चतुर्वेदी,धीरेंद्र सिंह कुशवाह, आदित्य जीतू शर्मा, जीतू ठाकुर, अंशुल शर्मा,मोहन चक्रवर्ती आदि उपस्थित रहे।
विदिशा भाजपा जिला अध्यक्ष राकेश जादोन ने विदिशा लोकसभा उम्मीदवार के रूप में शिवराज सिंह चौहान के नाम की पुष्टि करते हुए कहा कि इससे चुनाव के दौरान कार्यकर्ताओं का मनोबल और उत्साह बढ़ेगा।सांची विधायक डॉ प्रभुराम ने कहा कि सभी कार्यकर्ताओं ने उन्हें रिकार्ड मतों से जिताने का संकल्प भी लिया है ।वह जान पहचान के लिए मोहताज नहीं हैं।लोकसभा संयोजक रामपाल सिंह राजपूत बोले उनके चुनाव लड़ने से कोलकाता में नया जोश और उत्साह उमंग छा गई है।
पहली बार 1990 में लड़े थे चुनाव....
शिवराज सिंह चौहान 1990 में पहली बार बुधनी विधानसभा क्षेत्र सीहोर से विधायक बने। वहीं 1991 में पहली बार विदिशा लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए ।वह 1991 से 1992 में अखिल भारतीय केसरिया वाहिनी के संयोजक तथा 1992 में अखिल भारतीय जनता युवा मोर्चा के महासचिव बने ।1992 से 1994 तक भाजपा के प्रदेश महासचिव रहे ।11वीं लोकसभा में 1996 में विदिशा संसदीय क्षेत्र से फिर सांसद चुने गए ।1998 में विदिशा लोकसभा क्षेत्र से तीसरी बार 12वीं लोकसभा के लिए सांसद चुने गए ।यह वर्ष 1999 में विदिशा से चौथी बार 13वीं लोकसभा के लिए सांसद निर्वाचित हुए। श्री चौहान 2000 से 2003 तक भारतीय जनता को मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे ।इस दौरान वे सदन समिति लोकसभा अध्यक्ष तथा भाजपा के राष्ट्रीय सचिव रहे। शिवराज सिंह चौहान विदिशा लोस सीट से पांचवी बार लोकसभा के सदस्य निर्वाचित हुए ।भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव रहे।भाजपा सांसदीय बोर्ड के सचिव रहे।केंद्रीय चुनाव समिति के सचिव तथा नैतिकता विषय पर गठित समिति के सदस्य भी रहे।
लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाए जाने पर भाजपाईयों ने बांटीं मिठाई फोड़े पटाखे मनाई खुशियां.....
नवंबर 2005 में पहली बार बने प्रदेश के मुख्यमंत्री...
शिवराज सिंह चौहान वर्ष 2005 में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किए गए इसके बाद श्री चौहान को 29 नवंबर 2005 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई 2008 के चुनाव के बाद श्री चौहान 10 दिसंबर 2008 को भाजपा के 143 सदस्य विधायक डालने कर समिति से नेता चुना उन्होंने 12 दिसंबर 2008 को भोपाल के जंबूरी मैदान में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली इसके बाद बस 2013 में तीसरी बार मुख्यमंत्री बने इसके बाद शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री के रूप में कारोबार संभालने वाले पहले मुख्यमंत्री बने 24 मार्च को शिवराज सिंह चौथी बार मुख्यमंत्री बने।
क्यों टिकट मिला राज्य के बाजार अब केंद्रीय राजनीति में सक्रियता बढ़ाने का मकसद...
पिछली बार के सांसद -रमाकांत भार्गव जातिगत समीकरण -सभी जाति और समुदाय के लोगों में काफी लोकप्रिय ओबीसी बहुल सीट।
कब कौन रहा विदिशा लोस सीट से सांसद...
1952 से 1962 निर्वाचन क्षेत्र मौजूद नहीं था।
@ 1967 में पंडित शिव शर्मा भारतीय ।जनसंघ।
@ 1971 में रामनाथ गोयनका भारतीय जनसंघ।
@1977 राघव जी भाई जनता पार्टी।
@1980 प्रताप मोहन शर्मा कांग्रेस पार्टी।
@ 1984 प्रताप भानु शर्मा कांग्रेस पार्टी।
@ 1989 राघवजी भाई बीजेपी।
@ 1991 अटल बिहारी बाजपेई बीजेपी।
@ 1996 शिवराज सिंह चौहान भाजपा।
@ 1998 शिवराज सिंह चौहान भाजपा।
@1999 शिवराज सिंह चौहान भाजपा।
@2004 शिवराज सिंह चौहान भाजपा।
@2006 रामपाल सिंह राजपूत भाजपा (उपचुनाव)।
@ 2009 सुषमा स्वराज भाजपा।
@ 2014 सुषमा स्वराज भाजपा।
@ 2019 रमाकांत भार्गव भाजपा।