एमपी। मध्य प्रदेश में इस साल के आखिर में चुनाव होने हैं। विधानसभा चुनाव से कुछ महीनों पहले शिवराज कैबिनेट का शुक्रवार को विस्तार होना था, हालांकि अब यह टल सकता है। इसकी वजह मंत्रियों की संख्या और नामों पर सहमति न बन पाने को बताया जा रहा है। जानकारी के अनुसार, काफी जद्दोजहद के बावजूद नामों पर सहमति नहीं सकी। राजेंद्र शुक्ल और गौरीशंकर बिसेन पर सभी सहमत हैं लेकिन बाकी दो लेकर असमंजस बरकरार है। देर रात मुख्यमंत्री निवास पर बैठक हुई जिसमें सहमति ना बनने पर आज फिर मंथन हो सकता है।
शिवराज जल्द ही कैबिनेट का विस्तार कर सकते हैं। सीएम सहित राज्य में 35 मंत्री मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं। वर्तमान में प्रदेश में 30 मंत्री हैं। जिसका मतलब है कि चार पद खाली हैं। हालांकि माना जा रहा है कि तीन लोगों को मंत्रिमंडल में शामिल होने का मौका मिलेगा लेकिन आखिरी फैसला सीएम शिवराज सिंह चौहान को करना है। राज्य में साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में बीजेपी की पूरी कोशिश जातिगत समीकरण मजबूत करने की है। जिसका फायदा उसे चुनाव में मिल सके। इस लिहाज से कैबिनेट विस्तार अहम है क्योंकि पार्टी के पास कमजोर समीकरणों को मजबूत करने का यह आखिली मौका है। पार्टी का इस बार ज्यादा फोकस ग्वालियर-चंबल क्षेत्र पर है। पिछली बार पार्टी को यहां से कम सीटें मिली थी। वहीं ग्वालियर ज्योतिरादित्य सिंधिया का गढ़ है। ऐसे में पार्टी का जोर यहां पिछली बार से बेहतर प्रदर्शन करने पर है।