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राफेल लड़ाकू विमान की पायलट शिवांगी सिंह बोलीं, मशीन नहीं करती महिला और पुरुष में भेद
jantaserishta.com
9 March 2022 5:11 AM GMT
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नई दिल्ली: भारत की पहली महिला राफेल लड़ाकू विमान पायलट फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह (Lieutenant Shivangi Singh) ने मंगलवार को कहा कि मशीन महिला और पुरुष के बीच भेद नहीं करती है. लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह ने कहा कि अपने पुरुष सहयोगियों की तरह ही उन्होंने प्रशिक्षण लिया है क्योंकि मशीनें लिंग के बीच अंतर नहीं करती हैं. 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर अंबाला स्थित 17 स्क्वाड्रन के एएनआई के साथ एक इंटरव्यू के दौरान शिवांगी सिंह ने कहा कि लड़ाकू पायलट बनने का अनुभव एक रोमांचक और संतोषजनक अनुभव रहा है. लड़ाकू प्रशिक्षण कठिन था लेकिन इसके लिए मैंने कड़ी मेहनत की. मुझे अपने दूसरे पुरुष सहयोगियों की तरह की ट्रेनिंग दी गई.
राफेल लड़ाकू विमान पायलट फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह ने आगे कहा कि मशीन लिंग को नहीं पहचानती है, यह दिए गए इनपुट के हिसाब से काम करती है. मुझे लगता है कि कड़ी मेहनत से अधिक फायदा पहुंचता है. शिवांगी सिंह ने कहा कि उन्हें हमेशा साथी अधिकारियों, पुरुष और महिलाओं से अच्छा समर्थन मिला है. एक फाइटर पायलट होने के नाते मुझे काफी गर्व महसूस होता है और मैं देश के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश करूंगी. भारतीय वायु सेना में शामिल होने से पहले अपने जीवन के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि वो वाराणसी से हैं और एक राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) कैडेट के रूप में बांग्लादेश में फॉरेन एक्सचेंज प्रोग्राम में देश का प्रतिनिधित्व किया.
लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह ने आगे बताया कि उन्होंने राष्ट्रीय स्तर तक बास्केटबॉल खेला है और भाला फेंक में अपने राज्य का प्रतिनिधित्व किया है. यह अब तक एक रोमांचक यात्रा रही है. शिवांगी सिंह 73वें गणतंत्र दिवस की परेड के दौरान भारतीय वायु सेना (IAF) की झांकी का हिस्सा रहीं थी. वह IAF की झांकी का हिस्सा बनने वाली एकमात्र दूसरी महिला फाइटर जेट पायलट हैं. शिवांगी सिंह को राफेल विमान पर पहली महिला फाइटर पायलट चुने जाने का गौरव प्राप्त है. राफेल 2020 में फ्रांस से रक्षा बलों में आया था और इसे अपनी श्रेणी में पूरे एशियाई क्षेत्र में सबसे ताकतवर फाइटर प्लेन माना जाता है.
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