शिंदे नेतृत्व वाले बागी गुट के साथ सुलह करने तैयार है शिवसेना?
मुंबई। एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र में शिवसेना के बागी विधायकों के दम पर बीजेपी के समर्थन से सरकार बना ली. इसी बीच बीजेपी के नेता ने दावा किया है कि शिवसेना के 19 सांसदों में से 12 पाला बदलने के लिए तैयार है. इसी बीच शिवसेना के सांसदों के एक गुट ने शुक्रवार को पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ सुलह करने के लिए कहा है. एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी के एक केंद्रीय मंत्री ने दावा किया है कि शिवसेना में बगावत का असर सांसदों पर भी पड़ेगा. उन्होंने कहा, शिवसेना के 19 सांसदों में कम से कम एक दर्जन सांसद पाला बदलने के लिए तैयार हैं.
उधर, उद्धव ठाकरे ने शिवसेना के सांसदों की शुक्रवार शाम को बैठक बुलाई थी. शिवसेना के सूत्रों के मुताबिक, मीटिंग में शिवसेना के वरिष्ठ नेता ने भी पार्टी के हित में शिंदे के नेतृत्व वाले बागी गुट से सुलह करने की सलाह दी. हालांकि, इस पर ठाकरे ने क्या जवाब दिया, यह अभी सामने नहीं आया है. इस बैठक में तीन सांसद मौजूद नहीं थे. एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे, भावना गवली और ठाणे से सांसद राजन विचारे मीटिंग में नहीं पहुंचे. भावना गवली अभी ईडी की रडार पर हैं. शिवसेना के लोकसभा में 19 सांसद और राज्यसभा में 3 सांसद हैं.
कल्याण से दो बार सांसद रहे शिंदे के बेटे श्रीकांत पहले ही अपने पिता वाले गुट के साथ जुड़े हैं. वहीं, यवतमाल से पांच बार की सांसद भावना गवली ने उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर बागी गुट की हिंदुत्व से संबंधित शिकायतों पर विचार करने की अपील की थी. ठाणे से सांसद राजन विचारे भी शिंदे की आनंद दीघे को मानने वाले हैं. गवली एक गैर-सरकारी संगठन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों को लेकर प्रवर्तन निदेशालय के रडार पर हैं. वहीं, शिंदे के बेटे श्रीकांत अभी बागी विधायकों के साथ गोवा में ठहरे हुए हैं. बताया जा रहा है कि शिवसेना के सांसद अभी असमंजस की स्थिति में हैं, क्योंकि उनके क्षेत्र के शिवसेना विधायक शिंदे खेमे में हैं.
हालांकि, शिवसेना के लोकसभा में नेता विनायक राउत ने कहा, बगावत का असर शिवसेना के संसदीय दल पर नहीं पड़ेगा. उस्मानाबाद से लोकसभा सांसद ओमराजे निंबालकर ने भी कहा कि वह ठाकरे के साथ हैं और शिवसेना प्रमुख के निर्देशों के अनुसार 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में अपना वोट देंगे.