Shimla: मस्जिद में हुए कथित अवैध निर्माण के खिलाफ हजारों लोग सड़कों पर उतरे
शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली में बन रही मस्जिद को लेकर स्थानीय लोगों का विरोध बढ़ता जा रहा है। इस मस्जिद में हुए कथित अवैध निर्माण के खिलाफ हजारों लोग सड़कों पर हैं। लोगों की मांग है कि मस्जिद में बने अवैध निर्माण को तोड़ जाए। पिछले 5 दिनों से प्रदर्शन कर रहे लोगों ने अब अल्टीमेटम दिया है कि 2 दिन में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू इस मामले पर एक्शन ले नहीं तो फिर हिंदू संगठन अपने हिसाब से फैसला लेंगे। बता दें कि मसले पर खुद कांग्रेस के नेता भी आमने-सामने आ गए हैं।
2010 से अब तक 44 बार हुई सुनवाई: दूसरी तरफ मस्जिद में हुए अवैध निर्माण को लेकर 7 सितंबर को म्युनिसिपल कमिश्नर के यहां सुनवाई होनी है। बता दें कि मस्जिद में अवैध निर्माण को लेकर साल 2010 से लेकर अब तक 44 बार सुनवाई हो चुकी है लेकिन फैसला नहीं आया है। हालांकि इस दौरान मस्जिद दो मंजिला से बढ़ते-बढ़ते 5 मंजिला जरूर बन गई है। इसके साथ ही इलाके में मुस्लिमों की आबादी भी तेजी से बढ़ रही है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि मुसलमान यहां पर बाहर से आकर जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं जिससे शिमला के डेमोग्राफी बदल रही है।
शिमला की सड़कों पर जमकर नारेबाजी: इस पूरे मामले पर गुरुवार को लोगों का सब्र टूट गया और हजारों की संख्या में वे सड़कों पर उतर आए। उनकी सिर्फ एक ही मांग थी कि मस्जिद के अवैध निर्माण को गिराया जाए। इस दौरान बड़ी संख्या में महिलाएं भी सड़कों पर दिखीं और लोग जमकर नारेबाजी कर रहे थे। ‘एक ही नारा एक ही नाम, जयश्री राम, जयश्री राम’ और ‘हिंदू एकता जिंदाबाद’ के नारों के बीच कुछ लोग सड़क पर हनुमान चालीसा भी पढ़ते दिखाई दिए। बाद में लोगों ने सुक्खू सरकार को दो दिनों का अल्टीमेटम दिया और खुली चेतावनी दी है कि अगर मुख्यमंत्री कुछ नहीं करते हैं तो फिर लोग फैसला लेंगे कि उन्हें क्या करना है।
कैसे बन गई 5 मंजिला अवैध मस्जिद?
5 दिनों से प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना कि वे प्रशासन से कई बार मस्जिद में अवैध निर्माण की शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कोई एक्शन नहीं हुआ। लोगों का आरोप है कि ये मामला किसी धार्मिक स्थल का नहीं बल्कि वैध और अवैध निर्माण का है। 2010 में जब मस्जिद में निर्माण शुरू हुआ तब यहां दुकान हुआ करती थी। कई बार नोटिस दिया गया लेकिन मस्जिद का निर्माण 6750 स्क्वायर फुट तक पहुंच गया। ये जमीन हिमाचल सरकार की है। हालांकि मस्जिद के इमाम का दावा है मस्जिद 1947 से पहले की है और वक्फ बोर्ड की मिल्कियत है।
‘लड़कियों को परेशान किया जाता है’
शिमला में 5 मंजिला इस मस्जिद को लेकर इलाके की महिलओं ने कई बड़े आरोप लगाए हैं। महिलाओं का कहना है कि मस्जिद की आड़ में मदरसा चलाया जा रहा है और यहां उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के एक मौलाना पढ़ाते हैं। उन्होंने कहा कि यहां पढ़ने के लिए बाहर से लोगों को लाया जाता है जो आए दिन महिलाओं और लड़कियों को परेशान करते हैं। यही वजह है किहिमाचल में बांग्लादेशी और रोहिंग्या के मुद्दे पर विधानसभा से लेकर सड़क बवाल मचा है। खुद सुक्खू सरकार के मंत्री अनिरुद्ध सिंह भी हिमाचल में तेजी से बन रही अवैध मस्जिदों पर सवाल उठा रहे हैं।
असदुद्दीन ओवैसी ने कांग्रेस को घेरा
वहीं, AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इस मुद्दे पर कांग्रेस को घेरा है। ओवैसी कांग्रेस की 'मोहब्बत की दुकान' पर सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने सुक्खू के मंत्री का वीडियो शेयर कर ओवैसी ने पूछा है कि हिमाचल में बीजेपी की सरकार है या कांग्रेस की? वहीं सूबे की सरकार अभी इस मामले में कुछ भी खुलकर बोलने को तैयार नहीं है। हालांकि सीएम सुक्खू इतना जरूर कह रहे हैं कि कानून व्यवस्था से कोई खिलवाड़ नहीं होगा और सब कुछ नियम के मुताबिक होगा। उन्होंने कहा कि कानून से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
आलाकमान से शिकायत करेंगे इमरान
शिमला में लोगों के भारी विरोध के बाद अब मंत्री विक्रमादित्य सिंह कह रहे हैं कि अगर मस्जिद अवैध है तो उसे गिराया जाएगा। उन्होंने भी कहा कि सबकुछ कानून के दायरे में होगा। हालांकि इस मुद्दे पर खुद कांग्रेस के ही नेता बंटे नजर आ रहे हैं। हिमाचल सरकार के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू कुछ कह रहे हैं, तो मंत्री अनिरूद्ध सिंह और विक्रमादित्य सिंह कुछ और ही कह रहे हैं। वहीं, सहारनपुर के सांसद इमरान मसूद इस मामले में आलाकमान से शिकायत करने की तैयारी कर रहे हैं। इमरान का कहना है कि यह मस्जिद अवैध नहीं है। उन्होंने कहा है कि इस मामले में हिमाचल प्रदेश के मंत्री बीजेपी की भाषा बोल रहे हैं।