हमीरपुर। शिमला के सरकारी अस्पताल में हमीरपुर की एक महिला के साथ डिलीवरी के दौरान बरती गई कोताही का मामला अब पुलिस तक पहुंच गया है। पीडि़ता के परिजन गुरूवार को मामले की पुलिस जांच करवाने के मकसद से पुलिस अधीक्षक हमीरपुर से मिले। हालांकि मामला शिमला जिला से संबंधित होने के चलते यहां हमीरपुर …
हमीरपुर। शिमला के सरकारी अस्पताल में हमीरपुर की एक महिला के साथ डिलीवरी के दौरान बरती गई कोताही का मामला अब पुलिस तक पहुंच गया है। पीडि़ता के परिजन गुरूवार को मामले की पुलिस जांच करवाने के मकसद से पुलिस अधीक्षक हमीरपुर से मिले। हालांकि मामला शिमला जिला से संबंधित होने के चलते यहां हमीरपुर पुलिस ने उसे शिमला पुलिस को भेजने की बात कही है। पीडि़त परिवार की तरफ से सभी पुख्ता दस्तावेज हमीरपुर पुलिस के सामने पेश किए गए। मामले में अब शिमला पुलिस आगामी जांच करेगी। पीडि़ता के परिजन प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर को भी इस मामले में पत्र लिख चुके हैं। इसकी एवज में मुख्यमंत्री कार्यालय से एक पत्र वापस आया है जिसमें बात कही गई है कि मामला संबंधित विभाग को जांच के लिए सौंप दिया गया है।
बता दें कि हमीरपुर जिला से संबंध रखने वाली साइमा उम्र 23 साल की डिलीवरी होनी थी। उनकी माता शिमला में ही स्वास्थ्य विभाग में सेवारत हैं। शिमला सरकारी अस्पताल में बेटी को दिसंबर महीने में दाखिल करवा दिया। उसके बाद 16 दिसंबर 2023 को डिलीवरी हुई, लेकिन स्टाफ का व्यवहार सही नहीं होने की बात पीडि़तों की तरफ से कही जा रही है। पीडि़त की माता प्रेमलता ने बताया कि उस दौरान कोई वरिष्ठ चिकित्सक मौजूद नहीं था। ऐसे में जूनियर डाक्टर्ज ने नॉर्मल डिलवरी करवाने की प्रक्रिया केदौरान दुव्र्यव्हार करने के अलावा अन्य कोताही बरती। पीडि़ता की मां ने बताया कि डिलीवरी के दौरान बरती गई कोताही के चलते अब उनकी बेटी की ऐसी हालत हो गई है। उन्होंने बताया कि वहां के स्टाफ का व्यवहार भी ठीक नहीं रहा है। पीडि़ता की माता प्रेमलता ने बताया कि जांच जरूर करवाएंगे। उन्हें उम्मीद है कि उनको न्याय मिलेगा और सारी सच्चाई का भी पता चल सकेगा।