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शिमला: IGMC में हुई 100 नर्सों की नियुक्ति, अब स्टाफ को कोविड ड्यूटी में मिलेगी राहत
Deepa Sahu
21 May 2021 10:20 AM GMT
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हिमाचल प्रदेश में इन दिनों कोरोना वायरस की दूसरी लहर चरम पर है.
शिमला. हिमाचल प्रदेश में इन दिनों कोरोना वायरस (Coronavirus) की दूसरी लहर चरम पर है. प्रदेश में रोजाना हजारों मामले सामने आ रहे हैं और वायरस से मरने वालों का आंकड़ा भी 60 से ज्यादा का आ रहा है. वायरस का कहर ज्यादातर जिला कांगड़ा (Kangra) के साथ राज्य की सीमाओं वाले जिलों में देखा जा रहा है, लेकिन प्रदेश के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान आईजीएमसी में भी संक्रमितों के आने का सिलसिला जारी है. मौजूदा समय में आईजीएमसी (IGMC) में 335 कोरोना संक्रमितों का उपचार किया जा रहा है, जिनके लिए मात्र 60 नर्सिज ही निगरानी कर रही हैं और इसके अलावा 80 वार्ड ब्वॉय की भर्ती आउटसोर्स के आधार पर की गई है, जो कोरोना मरीजों की ही देखभाल करेंगे. इसके अलावा चिकित्सकों की टीम भी है, जो इन मरीजों का उपचार कर रहे हैं.
प्रदेश के सभी स्वास्थ्य संस्थाओं में मेडिकल स्टाफ की कमी को दूर करने के लिए प्रदेश सरकार ने दो दिन पहले ही 714 स्टाफ नर्सों की नियुक्ति कंट्रेक्ट आधार पर की है, जिसमें से आईजीएमसी को 100 नर्सों की नियुक्ति हुई है. नर्सों की नियुक्ति होने से अस्पताल में होने वाली मेडिकल स्टाफ की कमी दूर हो जाएगी. बता दें कि अभी 60 नर्सें 335 मरीजों की देखभाल कर रही थीं, यानी कि एक नर्स 6 मरीजों की देखभाल कर रही थी. इससे अब इन नर्सों पर पड़ने वाला अतिरिक्त भार कम हो जाएगा. नई नियुक्ति मिलने से अब एक नर्स के हवाले सिर्फ दो ही मरीज आएंगे, जिससे मरीजों का अच्छी तरह से ख्याल रखा जा सकेगा.
शेष पद भी जल्द भरे जाएंगे
आईजीएमसी के डिप्टी एमएस डॉ. राहुल गुप्ता ने बताया कि प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल में मेडिकल स्टाफ की कमी थी, जिसकी सरकार ने भरपाई कर दी है. कुछ समय पहले मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर आईजीएमसी के दौरे पर थे तो उन्हें स्थिति से अवगत करवाया गया था, जिसका परिणाम जल्दी मिल गया है. मुख्यमंत्री ने सबसे बड़े संस्थान को 100 नई नर्सों की नियुक्ति दी है, जिससे बहुत सारी कमी दूर हो गई है. पहले 80 वार्ड ब्वॉय की नियुक्ति की गई थी. अब 100 नई नर्सों की जिसका वे सरकार का आभार जताया है और महिलाओं पर पड़ने वाला तनाव इससे कम होगा. उन्होंने कहा कि अब आईजीएमसी में 85 फीसदी मेडिकल स्टाफ उपलब्ध है और 15 फीसदी की अभी कमी है, जिसे सरकार जल्द भरेगी. उन्होंने उम्मीद जताई है कि मेडिकल स्टाफ की कमी जल्द पूरी होगी.
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