![चरवाहे की किस्मत चमकी, गांव वालों ने चुना सरपंच चरवाहे की किस्मत चमकी, गांव वालों ने चुना सरपंच](https://jantaserishta.com/h-upload/2022/12/21/2337541-untitled-21-copy.webp)
सोर्स न्यूज़ - आज तक
मुंबई। महाराष्ट्र (Maharashtra) में चरवाहा सरपंच बनाया गया है. चंद्रपुर में बल्लारपुर तहसील के बामनी गांव के लोगों ने चरवाहे को अपना सरपंच चुना. चरवाहे को चुनाव लड़ाने के लिए गांववालों ने चंदा भी जोड़ा था.साथ ही उसके लिए साइकिल से चुनाव प्रचार किया गया. इसके बाद गांववालों ने उसे भरपूर वोट देकर जीत दिलाई. चरवाहे की जीत में गांव के युवाओं का सबसे बड़ा योगदान रहा. दरसअल, 55 साल के प्रल्हाद बुधाजी आलाम आदिवासी समाज के हैं. बामनी गांव रहते हैं. घर की माली हालत ठीक नहीं होने के कारण गांव में लोगों के जानवरों को चराने ले जाते हैं.
इसके अलावा खेती-मजदूरी करके जो भी कमाई होती है उससे अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं. गांव में प्रल्हाद बुधाजी की पहचान भले आदमी की है. क्योंकि प्रल्हाद हमेशा गांव के लोगों के सुख दुःख खड़े रहते हैं. प्रल्हाद आलाम ने ग्राम पंचायत चुनाव में सरपंच पद के लिए निर्दलीय प्रत्याशी के तौर नामांकम भरा. उनके सामने बीजेपी और कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार खड़े हुए थे. फिर भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. मगर, समस्या तब खड़ी हो गई थी जब उनके पास चुनाव में लड़ने के लिए न तो पर्याप्त धन था और न ही समर्थक. ऐसे में प्रह्लाद अकेले ही अपनी साइकिल पर खुद का प्रचार करते हुए घूमने लगे.
गांव के लोगों ऐसा करने पर प्रल्हाद का मजाक भी बनाया, लेकिन कहते हैं "कौन कहता है आसमान में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों" आलाम की सादगी और ईमानदारी को देखते हुए उनके गांव के युवा मदद के आगे आए. युवाओं ने आलम के चंदा इकठ्ठा किया, जिससे चुनाव लड़ने में सहायता मिले. इसके अलावा प्रल्हाद के लिए पूरी पंचायत में जमकर प्रचार भी किया.
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