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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक
मुंबई: शीना बोरा मर्डर केस की आरोपी इंद्राणी मुखर्जी की बेटी विधि मुखर्जी ने सीबीआई कोर्ट में अर्जी देकर अपनी मां के साथ रहने की इजाजत मांगी है. सीबीआई अदालत में वकील रंजीत सांगले के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है, "अपनी मां के साथ रहना और बीमार मां की देखभाल करना किसी भी बच्चे का मौलिक अधिकार है."
विधि की याचिका पर गौर करने के बाद सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश एसपी नाइक निंबालकर ने सीबीआई से जवाब दाखिल करने को कहा है. अब इस मामले में 7 सितंबर को सुनवाई होगी. इंद्राणी 2015 के शीना बोरा हत्याकांड में आरोपी हैं जबकि उनकी बेटी विधि इस मामले में गवाह हैं. इंद्राणी को इस साल की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी थी और उन पर लगाई गई जमानत शर्तों में से एक यह थी कि वह मामले में किसी अन्य गवाह से नहीं मिलेंगी. जेल से बाहर आने के बाद इंद्राणी ने कहा था कि वह अदालत से अनुरोध करेंगी कि गवाही में तेजी लाए ताकि वह अपनी बेटी के साथ फिर से रह सकें.
इंद्राणी की बेटी ने अपनी याचिका में कहा है कि वह कई साल से विदेश में हैं और यूके में अकेले रहती हैं. कोर्ट में पेश की गई अर्जी में कहा गया है कि वह 10 सितंबर को भारत आएंगी. विधि ने अपने वकील सांगले के माध्यम से अदालत को बताया, "वह नाबालिग थी जब उसकी मां को 2015 में गिरफ्तार किया गया था और गिरफ्तारी के दिन से ही अपनी मां के प्यार से वंचित है और पिछले 7 सालों से उसके साथ नहीं है. इसने भावनात्मक भलाई को गंभीर रूप से प्रभावित किया है." इसके साथ ही याचिका में कहा गया है कि अब उसके अलगाव से निपटने में मुश्किल हो रही है. इसलिए अब वह अपनी मां के साथ स्वतंत्र रूप से रहने की इच्छा रखती है.
इंद्राणी की बेटी ने याचिका में कहा है कि वह अपरिवर्तनीय सेरेब्रल इस्किमिया से पीड़ित हैं और कमजोर हैं. उन्हें उचित व्यक्तिगत और चिकित्सीय देखभाल की आवश्यकता है. इसलिए विधि उनके साथ रहना चाहती हैं. याचिका में कहा गया है कि मुंबई में उनके अलावा इंद्राणी का कोई परिवार नहीं है. इंद्राणी की गिरफ्तारी के बाद सीबीआई ने विधि का बयान दर्ज किया था और विधि को अपनी मां के आने, रहने और देखभाल करने और उसके साथ रहने की इच्छा के बारे में अदालत से पूर्व अनुमति लेना और उसे सूचित करना सही और उचित लगता है, जब वह भारत में है.
सीबीआई कोर्ट के सामने दायर की गई याचिका के अंत में कहा गया है कि यदि इंद्राणी मुखर्जी के साथ रहने की अनुमति दी जाती है तो अभियोजन के लिए कोई पूर्वाग्रह नहीं होगा. यदि विधि की अपील को स्वीकार नहीं किया जा सकता तो उसके लिए ये अपूरणीय क्षति होगी और मौलिक अधिकार का उल्लंघन होगा. यदि उसकी अपील मानी जाती है तो 7 साल में पहली बार वह अपनी मां के साथ होगी, यह उसके लिए बहुत भावनात्मक महत्व रखता है. Live TV
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