चुनाव चिन्ह छीने जाने पर शरद पवार ने लिया संकल्प, नए सिरे से करेंगे शुरुआत
पुणे। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने शनिवार को कहा कि देश ने कभी ऐसी स्थिति नहीं देखी कि जिसने पार्टी बनाई, उसे ही पार्टी से निकाल दिया गया हो, लेकिन एनसीपी के साथ ऐसा हुआ। शरद पवार ने अपनी पार्टी के पुनर्निर्माण का संकल्प लिया। शनिवार सुबह अपने गोविंद बाग स्थित आवास पर बड़ी संख्या में समर्थकों और जनता से मुलाकात करते हुए 83 वर्षीय पवार ने कहा कि अतीत में भारत में कई पार्टी विवाद हुए हैं। उन्होंने आगे कहा कि न केवल पार्टी का नाम बल्कि एनसीपी का प्रतिष्ठित 'घड़ी' चिन्ह भी छीन लिया गया, जो कानून के अनुरूप नहीं है। हर कोई जानता है कि एनसीपी की स्थापना किसने की।
अब पार्टी ने इस मामले में राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और न्याय की उम्मीद जताई है। पवार ने कहा, ''सिंबल खोने को लेकर ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है। मैं अब तक 14 चुनाव लड़ चुका हूं। उनमें से पांच 'बैलों की जोड़ी', 'गाय और बछड़ा', एक 'चरखा', 'हाथ' और अंत में, 'घड़ी' के चिन्ह पर थे। चुनाव चिन्ह छीनने का मतलब यह नहीं कि संगठन खत्म हो गया।'' उन्होंने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को सार्वजनिक पहुंच बढ़ाने और जनता को पार्टी की नीतियों और सिद्धांतों को समझाने और पार्टी उनके लिए क्या कर सकती है, इसकी आवश्यकता पर जोर दिया।
पवार ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि नए सिरे से शुरुआत करने पर भी ज्यादा दिक्कतें होंगी। हम एक नई उम्मीद के साथ पूरे महाराष्ट्र में घूमेंगे और लोगों से मिलेंगे, उन्हें मनाएंगे, नए चिन्ह के साथ ज्यादा दिक्कतें नहीं होंगी।" दरअसल, एनसीपी विधायकों की अयोग्यता मामले में महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने शरद पवार गुट को झटका देते हुए कहा कि, अजित पवार गुट ही असली एनसीपी है। इससे पहले, भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) ने अजीत पवार गुट को मान्यता दी थी और उन्हें एनसीपी का नाम और 'घड़ी' चिन्ह दिया था। अजित पवार के हालिया भाषणों में लोगों से उन्हें और उनके उम्मीदवारों को वोट देने की अपील पर शरद पवार ने कहा, ''ऐसा प्रतीत होता है कि वह जनता की सहानुभूति हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन राज्य की जनता चुनाव के दौरान उचित निर्णय लेगी।''