भारत

ओंकारेश्वर में शंडक्रावतरणम् और ब्रह्मोत्सव गुरुवार को

Shantanu Roy
20 Sep 2023 5:20 PM GMT
ओंकारेश्वर में शंडक्रावतरणम् और ब्रह्मोत्सव गुरुवार को
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भोपाल। मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में स्थित ज्योतिर्लिंग भगवान ओंकारेश्वर की नगरी में गुरुवार, 21 सितंबर को शंडक्रावतरणम् और ब्रह्मोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। यहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ओंकारेश्वर में आदि गुरू शंकराचार्य को समर्पित 108 फीट ऊंची एकात्मता की मूर्ति का अनावरण और अद्वैत लोक का भूमि-पूजन करेंगे। यह जानकारी बुधवार को जनसम्पर्क अधिकारी अनुराग उइके ने दी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री चौहान ओंकारेश्वर के मांधाता पर्वत पर होने वाले विशेष कार्यक्रम शंडक्रावतरणम् और ब्रह्मोत्सव में सम्मलित होंगे। मुख्यमंत्री चौहान यहां गुरुवार सुबह 10:30 बजे देश के प्रमुख साधु संतों के साथ मांधाता पर्वत पर शंडक्रावतरणम् कार्यक्रम स्थल पर पहुंचेंगे। संतों के साथ वैदिक यज्ञ अनुष्ठान में आहुति देकर मूर्ति स्थल की ओर प्रस्थान करेंगे। इस दौरान देशभर के शैव परंपरा के नृत्यों की प्रस्तुति दी जाएगी। मुख्यमंत्री चौहान कलाकारों द्वारा आचार्य प्रवर्तित पंचायतन पूजा परंपरा की भारतीय प्रदर्शनकारी शैलियों में प्रस्तुति का अवलोकन करेंगे। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री दोपहर 12 बजे पूज्य संतों के साथ आचार्य शंकर को समर्पित एकात्मता की मूर्ति का अनावरण करेंगे। अद्वैत लोक का भूमि-पूजन एवं शिलान्यास करेंगे।
101 बटुकों द्वारा किए जा रहे हुए मंत्रोच्चार और शंखनाद के बीच मुख्यमंत्री एकात्मता की मूर्ति के चरणों में पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। सिद्धवरकूट पर ब्रह्मोत्सव कार्यक्रम में मुख्यमंत्री चौहान दोपहर 3 बजे आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकात्म न्यास द्वारा प्रकाशित एकात्म धाम और अद्वैत युवा जागरण शिविर आधारित पुस्तकों का विमोचन करेंगे। इस अवसर पर आचार्य शंकर के स्रोतों पर एकाग्र शिवोSहम समवेत नृत्य की प्रस्तुति होगी। एकात्मता की यात्रा फिल्म का प्रदर्शन किया जाएगा। ओंकार पर्वत पर 28 एकड़ में अद्वैत वेदांत पीठ और आदि शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची भव्य प्रतिमा स्थापित की जा रही है। इस योजना के प्रथम चरण में आदि शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची प्रतिमा स्टेच्यू ऑफ वननेस बनकर तैयार हो चुकी है। नर्मदा किनारे बसा ओंकारेश्वर आदि गुरु शंकराचार्य की दीक्षा स्थली है, जहां वे अपने गुरु गोविंद भगवत्पाद से मिले और यहीं चार वर्ष रहकर उन्होंने विद्या अध्ययन किया। उन्होंने 12 वर्ष की आयु में ओंकारेश्वर से ही अखंड भारत में वेदांत के लोकव्यापीकरण के लिए प्रस्थान किया। इसलिए यहां मान्धाता पर्वत पर 12 वर्ष के आचार्य शंकर की प्रतिमा की स्थापना की गई है। यह पूरी दुनिया में शंकराचार्य की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी, जिसका लोकार्पण मुख्यमंत्री चौहान करेंगे, जबकि शेष कार्यों का भूमिपूजन होना है। पहले ये कार्यक्रम 18 सितंबर को होने वाला था लेकिन बारिश और बाढ़ की वजह से इसे टालकर 21 सितंबर कर दिया गया। इसमें जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद सहित देश के 1300 संत और महंत मौजूद रहेंगे।
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