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एंबुलेंस में महिला के साथ शर्मनाक हरकत, एक दरिंदा गिरफ्तार ड्राइवर फरार
jantaserishta.com
6 Sep 2024 5:33 AM GMT
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स्ट्रैचर पर पड़ा था बीमार पति.
लखनऊ: लखनऊ से अपने बीमार पति को घर (सिद्धार्थनगर) ले जा रही महिला के साथ, एंबुलेंस ड्राइवर और उसके सहयोगी द्वारा दुष्कर्म करने का प्रयास किया गया. मामले के तूल पकड़ने के बाद हरकत में आई पुलिस ने एक आरोपी को दबोच लिया. पीड़िता के आरोपों पर एक्शन लेते हुए लखनऊ पुलिस ने एंबुलेंस ड्राइवर के सहयोगी को गिरफ्तार किया है. वहीं, फरार ड्राइवर की तलाश की जा रही है.
बताया जा रहा है कि पीड़ित महिला ने पहले तो बस्ती जिले में पुलिस से शिकायत की लेकिन जब वहां कोई कार्रवाई नहीं हुई तो वह फिर लखनऊ लौटकर वापस आई. मगर यहां की गाज़ीपुर थाने की पुलिस ने भी मामले को टरकाने की कोशिश की और दो दिन तक केस दबाए रखा. हालांकि, मामला मीडिया में आने के बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज की और एक आरोपी ऋषभ सिंह को गिरफ्तार कर लिया. वहीं, ड्राइवर सरजू तिवारी की धरपकड़ के प्रयास किए जा रहे हैं.
लखनऊ की गाजीपुर पुलिस का कहना था कि चूंकि घटनास्थल बस्ती का है, इसलिए वहां की पुलिस से संपर्क करने का प्रयास किया गया. मौके पर टीम भेजकर जांच कराई गई और फिर उसके बाद अभियोग पंजीकृत किया गया. साथ ही अभियुक्तों की तलाश शुरू की गई.
इस पूरे मामले में डीसीपी नॉर्थ अभिजीत और शंकर ने बताया कि पीड़ित महिला के मुताबिक, जब अव अपने बीमार पति को एंबुलेंस से सिद्धार्थनगर ले जा रही थी तो बस्ती में उसके गलत हरकत की गई. पैसा लूटने का भी प्रयास किया गया. विरोध पर एंबुलेंस कर्मियों द्वारा मारपीट के बाद उसे, उसके पति और भाई को गाड़ी से उतार दिया गया. इसको लेकर लखनऊ के गाजीपुर थाना में मुकदमा दर्ज किया गया. अब पुलिस द्वारा एंबुलेंस ड्राइवर के सहयोगी ऋषभ सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है. साथ ही घटना में इस्तेमाल की गई एंबुलेंस को भी बरामद किया गया है. वहीं, एंबुलेंस ड्राइवर जो कि मुख्य आरोपी (सरजू तिवारी) है उसकी गिरफ्तारी के लिए अलग-अलग तीन टीमें बनाई गई हैं. जल्द ही उसकी गिरफ्तारी की जाएगी.
दरअसल, पूरा मामला 28 अगस्त का है जब सिद्धार्थनगर जिले के सकारपार पुलिस चौकी क्षेत्र के एक गांव की महिला अपने बीमार पति का बस्ती के अस्पताल में इलाज कराने पहुंची थी. जहां हालत बिगड़ते देख वह पति को लखनऊ मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंचती है. लेकिन बेड न खाली होने के चलते वहां उसे एडमिट नहीं किया जा सका. मजबूरी में वह अपने पति को लखनऊ के ही एक निजी चिकित्सालय ले जाकर भर्ती कराती है.
पीड़ित महिला के मुताबिक, यहां 2 दिन के उपचार में ही अस्पताल एक लाख रूपये से अधिक ले लेता है. रुपये खत्म होते देख वह डाक्टरों से पति को डिस्चार्ज करने को कहती है. इसी दौरान अस्पताल के काउंटर से उसे एक प्राइवेट एंबुलेंस कर्मी का नंबर मिलता है. वह अपने बीमार पति को लेकर इस एंबुलेंस से घर (सिद्धार्थनगर) चल देती है. बस यही से इंसानियत को शर्मसार करने की घटना शुरू हो जाती है.
एंबुलेंस चालक और उसका सहयोगी रास्ते में उसके साथ छेड़खानी करने लगते हैं. बचने के लिए महिला दरवाजा पीटने लगती है. तब एंबुलेंस कर्मी बस्ती जिले के छावनी में हाइवे के किनारे गाड़ी रोकते हैं और महिला, उसके भाई और बीमार पति को उतारकर भाग जाते हैं. वे महिला का बैग, अस्पताल के कागजात व फोन भी छीन ले गए. जिसके बाद महिला के भाई ने अपने फोन से 112 पर फोन कर स्थानीय पुलिस से मदद मांगी.
सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने सरकारी एंबुलेंस से बीमार को जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां से डाक्टरों ने उसे गोरखपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया. यहां कुछ घंटो के उपचार के बाद महिला के बीमार पति ने दम तोड़ दिया. आरोप है कि पीड़ित महिला ज़ब छेड़खानी की शिकायत करने बस्ती जिले के छावनी थाने पहुंची तो वहां से उसे लखनऊ में रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए कहा गया.
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