भारत

शाहदरा स्टेशन पहचान की तलाश में, बिजवासन में बन रहा है भव्य टर्मिनल

jantaserishta.com
19 Feb 2023 11:02 AM GMT
शाहदरा स्टेशन पहचान की तलाश में, बिजवासन में बन रहा है भव्य टर्मिनल
x

DEMO PIC 

नई दिल्ली (आईएएनएस)| दिल्ली में यमुनापार की पहचान शाहदरा रेलवे स्टेशन आज धूल फांक रहा है। दूसरी ओर रेलवे ने बिजवासन में टर्मिनल बनाने की तैयारी कर ली है। उत्तर रेलवे नई दिल्ली व पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशनों का बोझ कम करने के लिए राजधानी में आनंद विहार टर्मिनल के बाद अब एक नया स्टेशन बिजवासन टर्मिनल बनाने जा रहा है। इसके लिए अनुमानित लागत 728.92 करोड़ रुपये तय की गई है। इसमें से स्टेशन की इमारत व यात्री सुविधाओं पर लगभग 310 करोड़ रुपये, टर्मिनल के काम को गति देने के लिए कुल 430 करोड़ रुपये खर्च किए जायेंगे। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही इस टर्मिनल को तैयार कर लिया जायेगा।
बिजवासन टर्मिनल बनाने का काम रेलवे भूमि विकास प्राधिकरण को सौंपा गया है। 1.24 लाख वर्ग मीटर में नए टर्मिनल को बनाया जा रहा है। ये टर्मिनल बनने के बाद यहां से गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र व मध्य प्रदेश के लिए ट्रेनें चलाई जाएंगी। इससे नई दिल्ली, पुरानी दिल्ली के साथ ही हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन पर दबाव कम होगा।
इसके साथ ही दिल्ली शकूरबस्ती और होलंबी कलां में भी टर्मिनल निर्माण किया जा रहा है। शकूरबस्ती के निर्माण पर 257.22 करोड़ खर्च आने का अनुमान है। वहीं होलंबी कलां में आठ सौ करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले फ्रेट टर्मिनल के लिए डेढ़ सौ करोड़ रुपये दिए गए हैं। इस राशि से इस टर्मिनल के लिए भूमि अधिग्रहण का काम पूरा किया जाएगा।
वहीं दूसरी ओर शाहदरा रेलवे स्टेशन जहां से रोजाना 123 ट्रेन होकर गुजरती हैं जो पश्चिमी उत्तरप्रदेश बड़ौत, शामली, सहारनपुर के अलावा गाजियाबाद और मेरठ सहित बिहार, झारखंड, ओडिशा कई अन्य राज्यों में जाती हैं। इस स्टेशन पर 4 प्लेटफॉर्म हैं। इसलिए कुछ साल पहले मुसाफिरों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए यहां एस्केलेटर और लिफ्ट लगाई गई थी, लेकिन कई साल बीतने के बाद भी न तो एस्केलेटर चालू हुआ और न ही लिफ्ट।
स्टेशन के पास रह रहे कुछ लोगों का कहना है कि ये अक्सर खराब ही रहती है। तो कुछ का कहना है कि इसपर शुरूआत से ध्यान नहीं दिया गया इसलिए बच्चों का खिलौना बनकर रह गया है।
ऐसी स्थिति में जब मुसाफिरों को एक प्लेटफॉर्म से दूसरे प्लेटफॉर्म पर जाना पड़ता है तो मजूबरी में उन्हें सीढ़ियों से ही जाना पड़ता है। कई लोग सीढ़ियां चढ़ने से बचने के लिए जान को खतरे में डालकर रेलवे ट्रैक पर कूदकर दूसरी तरफ पहुंचते हैं। इससे यहां कभी भी कोई व्यक्ति हादसे का शिकार बन सकता है।
इसके अलावा शाहदरा रेलवे स्टेशन पर प्लेटफॉर्म पर मुसाफिरों के बैठने के लिए भी व्यवस्था भी ठीक नहीं है। मजबूरी में ज्यादातर मुसाफिर प्लेटफॉर्म पर खड़े ही रहते हैं। इस स्टेशन पर सफाई का भी यही हाल है।
हालांकि राजधानी दिल्ली में अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत जिन 13 रेलवे स्टेशनों का पुनर्निर्माण किया जाएगा। उसमें शाहदरा रेलवे स्टेशन का भी नाम है। रेलवे के अनुसार दिल्ली में रेलवे स्टेशनों के विकास व रेलवे नेटवर्क को मजबूत करने के लिए 2477 करोड़ रुपये दिए गए हैं।
Next Story