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सहकारिता क्षेत्र को सशक्त बनाने शाह ने ऐतिहासिक योजनाओं की शुरूवात की

17 Jan 2024 11:58 PM GMT
सहकारिता क्षेत्र को सशक्त बनाने शाह ने ऐतिहासिक योजनाओं की शुरूवात की
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आरकेएस प्रधानमंत्री नरेन्द्र  मोदी की सहकार से समृद्धिकी परिकल्पना को साकार करने के उद्देश्य से 6 जुलाई 2021 को सहकारिता मंत्रालय की स्थापना की गई। इस नवगठित मंत्रालय के प्रथम सहकारिता मंत्री अमित शाह के कुशल मार्गदर्शन में सहकारिता मंत्रालय ने अल्पकालिक समय में सहकारिता क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए अनेक पहल और ऐतिहासिक …

आरकेएस
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सहकार से समृद्धिकी परिकल्पना को साकार करने के उद्देश्य से 6 जुलाई 2021 को सहकारिता मंत्रालय की स्थापना की गई। इस नवगठित मंत्रालय के प्रथम सहकारिता मंत्री अमित शाह के कुशल मार्गदर्शन में सहकारिता मंत्रालय ने अल्पकालिक समय में सहकारिता क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए अनेक पहल और ऐतिहासिक योजनाओं की शुरुआत की है।
सहकारिता आंदोलन को मज़बूती प्रदान करने के लिए सहकारिता मंत्रालय ने 54 मुख्य पहल की हैं जिनसे सभी सहकारी समितियों को अपने आर्थिक विकास एवं विस्तार की नई संभावनाएँ मिल रही हैं। इस वार्षिकी के माध्यम से इन पहलों पर संक्षिप्त में जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है जो सहकारिता क्षेत्र के हितधारकों के लिए लाभकारी सिद्ध होगी।

प्राथमिक सहकारी समितियों का आर्थिक सुदृढ़ीकरण
पैक्स को बहु-उद्देशीय बनाने के लिए आदर्श उपविधियां

सहकारिता मंत्री अमित शाह का मानना है कि पैक्स जब बहु-उद्देशीय होंगी तभी वो और अधिक सशक्त और आर्थिक रूप से व्यवहार्य होंगी द्य इसके लिए सहकारिता मंत्री के नेतृत्व में सहकारिता मंत्रालय द्वारा पैक्स के लिए आदर्श उपविधियां सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों, राष्ट्रीय संघो एवं अन्य हितधारकों से परामर्श के पश्चात तैयार की गई एवं 05 जनवरी 2023 को परिचालित की गई द्य इससे क्क्रष्टस्/ रु्ररूक्कस् की आय के स्रोत बढ़ेंगे और लगभग 25 से अधिक नए क्षेत्रों जैसे डेयरी, मात्स्यिकी, भण्डारण, इत्यादि में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे द्य अब तक 31 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा इन्हें अपनाया जा चुका है एवं अन्य राज्यों में लागू करने का कार्य प्रगति पर है।

पैक्स के सशक्तिकरण के लिए उनका कम्प्यूटरीकरण

कार्य कुशलता को बढाने के लिए पैक्स के कम्प्यूटरीकरण की शुरुआत की गई ढ्ढ इस पहल के अंतर्गत कुल 62,318 क्रियात्मक क्क्रष्टस्/ रु्ररूक्कस् को एकल राष्ट्रीय सॉफ्टवेयर नेटवर्क के माध्यम से हृ्रक्च्रक्रष्ठ के साथ लिंक किया जा रहा है द्य अभी तक 25 राज्यों व 4 केंद्र शासित प्रदेशों से कुल 62,208 पैक्स के कम्प्यूटरीकरण के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं द्य इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को हार्डवेयर खरीद, डिजिटाइजेशन एवं सपोर्ट सिस्टम स्थापित करने हेतु कुल 575.55 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं ढ्ढ हृ्रक्च्रक्रष्ठ द्वारा राष्ट्रीय एकीकृत सॉफ्टवेयर तैयार किया जा चुका है द्य सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह का विश्वास है कि इससे क्क्रष्टस् में पारदर्शिता आएगी जिससे लोगों की पैक्स में विश्वसनीयता बढेगी ढ्ढ 20 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा हार्डवेयर खरीदा जा चुका है। 26 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के 6,117 पैक्स में ट्रायल रन जारी है तथा 988 पैक्स गो-लाइव हो चुके हैं।

प्रत्येक पंचायत / गांव में बहुउद्देशीय पैक्स, डेयरी, मत्स्य सहकारी समितियों की स्थापना

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 15 फरवरी, 2023 को कैबिनेट द्वारा अनुमोदित इस योजना में अगले 5 वर्षों में अब तक कवर न की गई पंचायतों/गाँवों में नई बहु-उद्देशीय क्क्रष्टस्/डेयरी/मत्स्य सहकारी समितियां गठित किये जाने का लक्ष्य है द्य इसके अंतर्गत, भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं को प्राथमिक सहकारी समितियों के स्तर पर केंद्रीकृत किया जाएगाद्य योजना के क्रियान्वयन हेतु अंतर-मंत्रालयी समिति, राष्ट्रीय स्तरीय समन्वय समिति, राज्य स्तरीय सहकारी विकास समिति एवं जिला स्तरीय सहकारी विकास समिति बनाई गई हैं द्य सहकारिता मंत्री के निर्देशानुसार मंत्रालय द्वारा सभी राज्यों के साथ बैठके की जा रही हैं द्य नई समितियों की स्थापना के लिए सम्बंधित कार्य योजना नाबार्ड, हृष्ठष्ठक्च व हृस्नष्ठक्च द्वारा बनाई गई है एवं इस योजना के तहत 23 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों में 9,961 नई बहुद्देशीय पैक्स/ डेयरी/ मत्स्य सहकारी समितियों के गठन का कार्य चल रहा है।

खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सहकारिता क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी विकेंद्रीकृत अन्न भण्डारण योजना

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 31 मई, 2023 को कैबिनेट द्वारा सहकारिता क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी अन्न भण्डारण योजना को स्वीकृति दी गई द्य इस योजना के अंतर्गत पैक्स स्तर पर भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के अभिसरण से विभिन्न प्रकार की कृषि अवसंरचनाएं, जैसे कि गोदाम, कस्टम हायरिंग सेंटर, प्रसंस्करण इकाइयाँ, उचित मूल्य दुकान, इत्यादी का निर्माण किया जाएगा द्य सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह इस योजना पर विशेष रूप से बल दे रहे हैं क्योंकि उनका विश्वास है कि इससे देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होगी, अनाज की होने वाली बर्बादी में कमी आएगी, किसानों को अपनी उपज के बेहतर मूल्य की प्राप्ति सुनिश्चित होगी एवं पैक्स स्तर पर ही कृषि सम्बन्धी विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकेगा। इस योजना के क्रियान्वन के लिए राज्यों के सहयोग से 24 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 24 पैक्स में पायलट प्रोजेक्ट चल रहा है, जिनमें से 13 राज्यों में निर्माण कार्य शुरू हो गया है द्य इसके अलावा, 27 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में 1779 पैक्स को पायलट प्रोजेक्ट के दूसरे चरण में भागीदारी के लिए चिह्नित किया गया है द्य इस योजना को अंतर-मंत्रालयी समिति, राष्ट्रीय स्तरीय समन्वय समिति, राज्य स्तरीय सहकारी विकास समिति एवं जिला स्तरीय सहकारी विकास समिति द्वारा समन्वित किया जा रहा है।

ई-सेवाओं की बेहतर पहुंच के लिए कॉमन सेवा केन्द्र (सीएससी) के रूप में पैक्स

सहकारिता मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, नाबार्ड और सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज़ इंडिया लिमिटेड के बीच सहकारिता मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में दिनांक 02.02.2023 को समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित हुआ, जिसके बाद ष्टस्ष्ट द्वारा दी जाने वाली 300 से भी अधिक ई-सेवाएं अब पैक्स भी देनें में सक्षम हो गई हैं द्य अभी तक 48,000 पैक्स को ष्टस्ष्ट के रूप में ऑनबोर्ड किया जा चुका है एवं अन्य पैक्स को भी ऑनबोर्ड करने का कार्य प्रगति पर हैद्य ऑनबोर्ड हुए पैक्स को ष्टस्ष्ट-स्क्कङ्क एवं नाबार्ड द्वारा प्रशिक्षण भी प्रदान किया जा रहा है द्य 25,000 से अधिक पैक्स ष्टस्ष्ट के रूप में कार्य शुरु कर चुकी है और इन पैक्स द्वारा 10.08 करोड़ रुपये का लेन-देन किया जा चुका है द्य सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह 21 जुलाई, 2023 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में इस परियोजना का उद्घाटन किया द्य जनवरी 2024 तक कम्प्यूटरीकृत की जा रही देश की सभी क्रियाशील पैक्स/ लैम्प्स द्वारा ष्टस्ष्ट की सुविधाएं देने की योजना है।

पैक्स के द्वारा नए किसान उत्पादक संगठन का गठन

एफपीओ योजना के तहत राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) को सहकारिता के क्षेत्र में 1100 अतिरिक्त एफपीओ के आवंटन का निर्णय लिया गया है। अब पैक्स के रूप में कृषि सम्बंधित अन्य आर्थिक कार्यकलाप करने में सक्षम होंगी द्य यह पहल सहकारी समितियों के सदस्यों को आवश्यक बाजार लिंकेज प्रदान कर उनकी उपज के उचित मूल्य दिलाने में भी सहायक होगी। इस परियोजना का उद्घाटन सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 14 जुलाई, 2023 को ढ्ढश्वष्टष्ट, प्रगति मैदान, नई दिल्ली में किया. 16 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के 629 अनाच्छादित ब्लॉक में गठन के लिए कार्ययोजना बनाई जा चुकी है।

पैक्स की रुक्कत्र डिस्ट्रीब्यूटरशिप के लिए पात्रता

पैक्स का दायरा बढाने के लिए सहकारिता मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में सहकारिता मंत्रालय संकल्पित भाव से कार्य कर रहा है द्य दिनांक 13 मार्च 2023 को लिए गए निर्णय से पैक्स को रुक्कत्र डिस्ट्रीब्यूटरशिप के लिए पात्र बनाना इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है द्य पेट्रोलियम मंत्रालय द्वारा एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटरशिप के लिए पैक्स को पात्र बनाने के लिए नियमों में बदलाव किए गए हैं, जिससे पैक्स रुक्कत्र का वितरण भी कर सकेंगी द्य पैक्स द्वारा रुक्कत्र डिस्ट्रीब्यूटरशिप प्राप्त करने के दिशानिर्देश भी जारी किये जा चुके हैं द्य झारखण्ड राज्य में 2 जिलों के लिए विज्ञापन जारी हो चुका है; अन्य के लिए विज्ञापन शीघ्र जारी होंगे द्य इससे क्क्रष्टस् को अपनी आर्थिक गतिविधियों को बढाने का स्रोत मिलेगा और ग्रामीण स्तर पर रोज़गार के नवीन अवसर उपलब्ध होंगे।

पैक्स द्वारा संचालित बल्क कंज्यूमर पेट्रोल पम्प को रिटेल आउटलेट में बदलने की अनुमति

सहकारिता मंत्रालय की पहल पर दिनांक 13 मार्च 2023 को पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने मौजूदा थोक उपभोक्ता लाइसेंसधारी पैक्स को रिटेल आउटलेट में बदलने के लिए सहमति दीढ्ढ पैक्स द्वारा संचालित बल्क कंज्यूमर पेट्रोल पम्प को रिटेल आउटलेट में बदलने हेतु भारत सरकार ने ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किये गए द्य अब तक 5 राज्यों के 109 थोक उपभोक्ता लाइसेंसधारी पैक्स ने खुदरा दुकानों में रूपांतरण के लिए सहमति दी है, जिनमें से 43 पैक्स को आयल मैन्युफैक्चरिंग कम्पनीज (ओएमसी) से आशय पत्र (एलओआई) प्राप्त हो चुके हैं द्य इस प्रावधान से पैक्स के मुनाफे में वृद्धि होगी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार के नए अवसर सृजित होंगे।

पैक्स को नये पेट्रोल/डीज़ल पंप डीलरशिप में प्राथमिकता

13 मार्च 2023 को लिए गए एक महत्वपूर्ण निर्णय में पैक्स को पेट्रोल/डीज़ल डीलरशिप के लिए भी प्राथमिकता दी गई है ह्ररूष्ट/पेट्रोलियम मंत्रालय द्वारा पैक्स को नये पेट्रोल/डीज़ल पंप के आवंटन के लिए विज्ञापन जारी कर ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किये गए द्य अब तक 24 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के कुल 228 पैक्स द्वारा आवेदन किया गया है द्य इस प्रावधान से पैक्स के मुनाफे में वृद्धि होगी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार के नए अवसर सृजित होंगे।

ग्रामीण स्तर पर जेनरिक दवाइयों की पहुंच के लिए जन औषधि केंद्र के रूप में पैक्स

06 जून, 2023 को सहकारिता मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के साथ आयोजित बैठक में अगस्त, 2023 तक 1,000 एवं दिसम्बर, 2023 तक 2,000 चिन्हित पैक्स पर जन औषधि केंद्र खोले जाने का निर्णय लिया गया द्य इससे ग्रामीण/ ब्लॉक स्तर पर सस्ती जेनरिक दवाइयाँ भी आम लोगों को उपलब्ध हो सकेंगी और पैक्स को रोजगार के अतिरिक्त अवसर मिलेंगे द्य इच्छुक पैक्स को चिन्हित कर राज्य सरकार द्वारा उन्हें ऑनलाइन आवेदन के लिए प्रोत्साहित किया गया है। जन औषधि केंद्र हेतु 34 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के 4,289 पैक्स द्वारा आवेदन किया जा चुका है, जिनमें से 2,293 पैक्स को प्राथमिक अनुमोदन भी प्राप्त हो चुका है।

पैक्स का प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र (पीएमकेएसके) के रूप में उन्नयन

06 जून, 2023 को सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह की अध्यक्षता में रसायन एवं उर्वरक मंत्री के साथ आयोजित बैठक में, पहले से उर्वरक वितरण केंद्र के रूप में कार्यरत पैक्स को प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्रों (पीएमकेएसके) के रूप में उन्नयन करने का निर्णय लिया गया द्य पैक्स को उर्वरक और कीटनाशकों के छिड़काव के लिए ड्रोन उद्यमियों के रूप में भी कार्य करने का निर्णय लिया गया ढ्ढ साथ ही, ड्रोन का उपयोग संपत्ति सर्वेक्षण के लिए भी किया जा सकेगाद्य इससे पैक्स के लिए व्यवसाय के नये अवसर सृजित होंगे तथा उनके मुनाफे में वृद्धि होगी द्य राज्यों/संघ क्षेत्रों द्वारा प्रदान की गई जानकारी अनुसार, 22 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों में 29,119 पैक्स को नाबार्ड में अपग्रेड किया जा चुका है; शेष में प्रक्रिया जारी है।

नाबार्ड के सहयोग से बैंक मित्र सहकारी समितियों को

डेयरी और मत्स्यपालन जैसी सहकारी समितियों को भी जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों और राज्य सहकारी बैंकों का बैंक मित्र बनाया गया है। इन बैंक मित्र सहकारी समितियों के लिए व्यापार में सुगमता, पारदर्शिता, वित्तीय समावेशन सुनिश्चित करने के लिए नाबार्ड के सहयोग से 'घर बैठे वित्तीय सेवाएंÓ प्रदान करने के लिए माइक्रो-एटीएम दिए जा रहे हैं। इस पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत 12 जुलाई, 2023 को सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह के करकमलों से हुई, जिसमें पंचमहल और बनासकांठा जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों के धारकों को यह कार्ड सौंपे गए। इसे देशव्यापी स्तर पर लागू करने का लक्ष्य है द्य अभी तक 1723 से अधिक रूद्बष्ह्म्श-्रञ्जरूह्य वितरित किये जा चुके हैं।

सहकारी समिति के सदस्यों को किसान क्रेडिट कार्ड

ग्रामीण सहकारी बैंकों की पहुँच तथा क्षमता का विस्तार करने तथा ग्रामीण सहकारी समिति के सदस्यों को यथावश्यक चल निधि उपलब्ध कराने हेतु गुजरात के पंचमहल और बनासकांठा जिलों में एक पायलट परियोजना सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह द्वारा 12 जुलाई, 2023 को शुरू की गई। इस परियोजना के तहत सहकारी समितियों के सभी सदस्यों के बैंक खाते संबंधित जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों में खोले जा रहे हैं तथा खाताधारकों को नाबार्ड के सहयोग से क्रह्वश्चड्ड4 किसान क्रेडिट कार्ड वितरित किए जा रहे हैं। क्रह्वश्चड्ड4 किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से सहकारी समिति के सदस्यों को उचित दर पर ऋण की सुविधा उपलब्ध होगी। सदस्य इस कार्ड का प्रयोग अन्य वित्तीय भुगतान के लिए भी कर सकेंगे द्य इस पायलट प्रोजेक्ट का देशव्यापी विस्तार करने की योजना है द्य अभी तक 73,503 वितरित किये जा चुके हैं।

पानी समिति के रूप में पैक्स

पैक्स की ग्रामीण क्षेत्रो में गहरी पहुँच के लाभ का उचित उपयोग करने हेतु सहकारिता मंत्रालय की पहल पर जल शक्ति मंत्रालय द्वारा 11 जुलाई, 2023 को एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए पैक्स को भी पानी समिति के रूप में पाइप्ड जल आपूर्ति योजनाओं के संचालन एवं रखरखाव (ह्र&रू) का कार्य करने के लिए पात्र बनाने के लिए राज्यों को पत्र लिखा है द्य इस पहल से ग्रामीण क्षेत्रों में, जल आपूर्ति योजनाओं के ह्र&रू का कार्य सुदृढ़ होगा तथा पैक्स को रोजगार के नये अवसर भी मिलेंगे द्य इस पहल के तहत अब तक 15 राज्यों में 1,611 पैक्स चयनित/ चिह्नित किए जा चुके हैं; अन्य प्रक्रिया में हैं।

संरचना व इनकी गहरी पहुँच, जिनसे 13 करोड़ से अधिक किसान बतौर सदस्य जुड़े हैं, का लाभ पंचायत स्तर पर विकेंद्रीकृत सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए किया जा सकता है द्य इससे, क्क्रष्टस् से जुड़े किसान अपनी उर्जा-सुरक्षा सुनिश्चित कर पाएंगे द्य साथ ही, क्क्रष्टस् व उनके सदस्य किसानों को आय के वैकल्पिक स्रोत प्राप्त होंगे द्य इस विषय पर सहकारिता मंत्रालय की नवीन और नवीकरणीय उर्जा मंत्रालय के साथ चर्चा जारी है।

मत्स्य किसान उत्पादक संगठनों का गठन (एफएफपीओ)

मछुआरों को बाजार लिंकेज तथा प्रसंस्करण सुविधाएं प्रदान करने के लिए, एनसीडीसी द्वारा प्रारम्भिक चरण में 69 एफएफपीओ का पंजीकरण किया गया है। इसके अतिरिक्त, भारत सरकार के मत्स्य पालन विभाग ने 31 मार्च 2023 को 225.50 करोड़ रुपये के अनुमोदित परिव्यय के साथ एनसीडीसी को 1000 मौजूदा मात्स्यिकी सहकारी समितियों को एफएफपीओ में बदलने का कार्य सौंपा है।
(ख) राष्ट्रीय स्तर की तीन नई बहु राज्यीय सहकारी समितियाँ
प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एवं माननीय सहकारिता मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में मंत्रालय ने निर्यात, प्रमाणित बीजों और आर्गेनिक उत्पादों के लिए 11 जनवरी, 2023 को तीन नई बहु राज्यीय सहकारी समितियों का गठन किया।

निर्यात के लिए राष्ट्रीय स्तर की नई बहु-राज्यीय सहकारी समिति

बहुराज्य सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 2002 के तहत नई राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड की स्थापना एक अंब्रेला संगठन के रूप में की गयी है जो सहकारी क्षेत्र से किए जाने वाले निर्यातों को बढ़ावा देगी . प्राथमिक से राष्ट्रीय स्तर तक की सहकारी समितियां जिसमे जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर के संघ तथा बहु-राज्यीय सहकारी समितियां शामिल हैं, इसके सदस्य बन सकते हैं। इस समिति से किसानों के उत्पादों का निर्यात सुलभ होगा एवं उनको उत्पादों के लिये मिलने वाले मूल्य में वृद्धि होगी द्य अब तक सदस्यता के लिए 22 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों से 2624 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं।

गृह एवं सहकारिता मंत्री की अध्यक्षता में दिनांक 23 अक्टूबर, 2023 को पूसा, नई दिल्ली में सहकारी निर्यात पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन हुआ द्य 17 नवंबर, 2023 तक, वाणिज्य विभाग ने हृष्टश्वरु को डीजीएफटी द्वारा जारी अधिसूचना के माध्यम से विभिन्न देशों को लगभग 14.92 रुरूञ्ज सफेद चावल (गैर-बासमती) तथा चीनी निदेशालय, डीएफपीडी द्वारा अधिसूचना के तहत नेपाल और भूटान, प्रत्येक को 50,000 मीट्रिक टन चीनी के निर्यात के लिए अनुमति दी है।

प्रमाणित बीजों के लिए राष्ट्रीय स्तर की नई बहु-राज्यीय सहकारी समिति

बहुराज्य सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 2002 के तहत नई भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड की स्थापना की गई है जो अंब्रेला संगठन के रूप में एकल ब्रांड नाम के अंतर्गत उन्नत बीजों की खेती, उत्पादन व वितरण करेगी। राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों की सहकारी समितियां (प्राथमिक, जिला व राज्य स्तर) भारतीय बीज सहकारी समिति की सदस्य बन सकती हैं। इस समिति से किसानों को उन्नत बीजों की उपलब्धता बढ़ेगी, फसलों की उत्पादकता एवं किसान को मिलने वाले लाभ में वृद्धि होगी द्य अभी तक सदस्यता के लिए 27 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों से 8200 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं द्य गृह एवं सहकारिता मंत्री की अध्यक्षता में दिनांक 26 अक्टूबर, 2023 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में सहकारी क्षेत्र में उन्नत एवं पारम्परिक बीजों के उत्पादन पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन हुआ।

जैविक खेती के लिए राष्ट्रीय स्तर की नई बहु-राज्यीय सहकारी समिति

बहुराज्य सहकारी सोसाइटी अधिनियम, 2002 के तहत राष्ट्रीय सहकारी आर्गेनिक्स लिमिटेड की स्थापना एक अंब्रेला संगठन के रूप में की गई है जो प्रमाणित व प्रामाणिक जैविक उत्पादों के उत्पादन, वितरण व विपणन का कार्य करेगी । प्राथमिक से राष्ट्रीय स्तर की सहकारी समितियां जिसमें जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर के संघ तथा बहु राज्य सहकारी समितियां भी शामिल हैं, तथा किसान उत्पादक संगठन इसके सदस्य बन सकते हैं। इससे जैविक उत्पादों का उत्पादन बढेगा एवं किसानों को मिलने वाले लाभ में वृद्धि होगी द्य अभी तक सदस्यता के लिए 24 राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों से 2614 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं. हृष्टह्ररु भारत ऑर्गेनिक्स ब्रांड के तहत 06 उत्पाद यानी तूर दाल, चना दाल, चीनी, मूंग, ज्वार आटा और बेसन की बिक्री कर चुका हैं। गृह एवं सहकारिता मंत्री की अध्यक्षता में दिनांक 08 नवंबर, 2023 को पूसा, नई दिल्ली में सहकारिता के माध्यम से जैविक उत्पाद को बढ़ावा देने पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन हुआ।

(ग) सहकारी समितियों के लिये आयकर कानून में राहत
सहकारी समितियों के लिएआयकर पर लगने वाले अधिभार में कटौती
सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने कोआपरेटिव को कंपनियों के समान लाने के संकल्प को पूरा करने की दिशा में बड़ा कार्य किया है।
एक करोड़ रुपए से दस करोड़ रुपए तक की आय वाली सहकारी समितियों के आयकर पर लगने वाले अधिभार को कंपनियों के समतुल्य 12त्न से घटाकर 7त्न कर दिया गया है। इससे सहकारी समितियों के ऊपर आयकर के भार में कमी होगी जिससे समिति के पास सदस्यों के लाभ के लिए कार्य करने हेतु अधिक पूंजी उपलब्ध होगी ।

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