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ज्ञानवापी मामले पर बोले शफीकुर्रहमान बर्क - वैज्ञानिक जांच की भी कोई जरूरत नहीं

Nilmani Pal
15 Oct 2022 1:37 AM GMT
ज्ञानवापी मामले पर बोले शफीकुर्रहमान बर्क - वैज्ञानिक जांच की भी कोई जरूरत नहीं
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यूपी। ज्ञानवापी मामले पर शुक्रवार को वाराणसी जिला कोर्ट ने बड़ा आदेश सुनाया. साफ कर दिया गया कि ज्ञानवापी में कार्बन डेटिंग नहीं करवाई जाएगी. अब कोर्ट के इस फैसले का संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने स्वागत किया है. उन्होंने जोर देकर कहा है कि इस मामले में तो किसी तरह की वैज्ञानिक जांच की भी कोई जरूरत नहीं है.

सपा सांसद ने कहा कि विपक्ष के द्वारा कार्बन डेटिंग और वैज्ञानिक जांच कराए जाने की मांग को नहीं माना है. हम इस फैसले का खैर मकदम और वेलकम करते हैं. लेकिन हम कहते हैं अब इसमें जांच की क्या जरूरत है. हम तो कहते हैं कि ज्ञानवापी मस्जिद या कोई भी दूसरी जगह पर हिंदू धर्म की कोई चीज होने का कोई सवाल पैदा ही नहीं होता है. यह धार्मिक और मजहबी मामला है, इस्लाम में केवल अल्लाह की पूजा की जाती है. इसके अलावा किसी भी पत्थर या सूरज की पूजा नहीं होती है क्योंकि इस्लाम इन चीजों की इजाजत नहीं देता है और शिवलिंग होने का तो कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है और हम ऐसी चीज कोई भी क्यों रखेंगे. यह सभी बातें बनावटी हैं.

बीजेपी पर हमला करते हुए सांसद आगे कहते हैं कि इस वक्त की बीजेपी सरकार मस्जिदों पर पूरी तरह हमलावर है. कुछ दिन पहले मोहन भागवत ने भी कहा था कि हर मस्जिद में शिवलिंग नहीं निकालना चाहिए. लेकिन इसके बावजूद भी प्लानिंग के साथ काम किया जा रहा है. और ये लोग मस्जिद पर कार्रवाई के लिए बहाना चाहते हैं. लेकिन ये कार्रवाई, इस प्रकार की मांगे देशहित में नहीं हैं. अब बीजेपी के लिए भी ये सब खतरा बनता जा रहा है और 2024 के लोकसभा चुनाव में उन्हें खामियाजा भुगतने के लिए तैयार रहना होगा.

जानकारी के लिए बता दें कि वाराणसी कोर्ट में हिंदू पक्ष ने याचिका दायर कर शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराने की मांग की थी. हिंदू पक्ष की दलील थी कि मस्जिद परिसर में जो शिवलिंग मिला है, उसकी कार्बन डेटिंग या फिर किसी और वैज्ञानिक तरीके से जांच कराई जाए, ताकि उसकी सही उम्र का पता लगाया जा सके. लेकिन जिला कोर्ट के जज अजय कृष्ण विश्वेश ने अपने फैसले में लिखा है कि अगर शिवलिंग की कार्बन डेटिंग या कोई और वैज्ञानिक तरीके से जांच कराई जाती है, तो इससे शिवलिंग को क्षति पहुंचेगी, जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन होगा. अभी के लिए इस फैसले के खिलाफ हिंदू पक्ष सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कर रहा है.

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