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आपके पास अगर कोई अंजान नंबर से वीडियो कॉल आती है तो सावधान हो जाएं
आपके पास अगर कोई अंजान नंबर से वीडियो कॉल आती है तो सावधान हो जाएं। आपने अगर कॉल उठाई तो आप भी सेक्सटॉर्शन का शिकार हो सकते हैं। राजधानी में एक महिला को साइबर अपराधियों ने वीडियो कॉल के जरिये सेक्सटॉर्शन में फंसाया है।
साइबर अपराधी अश्लील वीडियो के साथ आपके फोटो जोड़कर आपको बदनाम करने के नाम पर डराएंगे, धमकाएंगे। कभी पुलिस अधिकारी बनकर जेल भेजने की धमकी देंगे। ऐसे में हो सकता है कि इस झमेले से बचने के लिए आप अपनी गाढ़ी कमाई इन अपराधियों के खातों में भेज दें। बस यही तो साइबर अपराधी चाहते हैं, आप डरे तो समझो साइबर अपराधियों का काम पूरा और आपका खत्म।
महिला को वीडियो कॉल के जरिए दिखाई गई अश्लील क्लिप
एक महिला को साइबर अपराधियों ने वीडियो कॉल के जरिये सेक्सटॉर्शन में फंसा लिया। महिला को वीडियो कॉल के जरिए अश्लील क्लिप दिखाई गई। इसके बाद उसे जांच और जेल भेजने के नाम पर डराया धमकाया गया। पीड़ित महिला की शिकायत पर साइबर थाने की जांच के बाद डालनवाला पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है।
महिला ने पुलिस को बताया कि गत 24 जनवरी को उन्हें एक व्यक्ति ने व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल किया था। उन्होंने कॉल रिसीव किया तो कॉल करने वाला फोन पर अश्लील हरकतें करने लगा। इसके बाद उस पर अश्लील वीडियो चलाई गई। यह सब देखकर महिला ने फोन काट दिया। इसके दो दिन बाद उसके पास दोबारा एक कॉल आई, जिसमें कहा गया कि उसके पास महिला की अश्लील वीडियो है।
उन्हें मुकदमे का डर दिखाया गया। जांच के नाम पर भी डराया गया। महिला का कहना है कि उन्हें तकरीबन 10 से 12 अलग-अलग नंबरों से फोन किया गया। कभी मैसेज भेजे गए तो कभी वीडियो के जरिये परेशान किया गया। जांच खत्म करने के नाम पर उससे रुपयों की मांग भी की गई। इंस्पेक्टर डालनवाला एनके भट्ट ने बताया कि महिला की शिकायत के बाद आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ने इन सभी नंबरों की जांच करानी शुरू कर दी है। महिला ने पुलिस को सात मोबाइल नंबर दिए हैं।
सोशल मीडिया के अधिकारी बनकर करते हैं बात
राजधानी में बीते एक साल में ऐसे मामलों में अचानक वृद्धि देखने को मिली है। सेक्सटॉर्शन नया अपराध नहीं है। एक दशक पहले इसके कुछेक मामले देशभर में आते थे, लेकिन अब हर हाथ में मोबाइल फोन और सस्ता इंटरनेट उपलब्ध होने से साइबर ठग बड़े पैमाने पर लोगों को इसका शिकार बना रहे हैं। साइबर एक्सपर्ट के मुताबिक यह वर्चुअल सेक्स और उगाही से मिलकर बना है।
इसमें साइबर ठग एक फेक आईडी के जरिये फ्रैंड रिक्वेस्ट भेजते हैं। प्रोफाइल पर सुंदर युवती या युवक की फोटो होती है, जिसे कई बार लोग स्वीकार कर लेते हैं। फिर इसके बाद वीडियो चैट का ऑफर आता है और आपने अगर यह ऑफर कबूला तो आप फंस जाएंगे। दरअसल सामने वाली युवती या युवक अश्लील बातें करने लगते हैं। इसके बाद साइबर ठग एक रिकॉर्डेड वीडियो संबंधित व्यक्ति को दिखाते हैं और उससे भी कपड़े उतारने को बोलते हैं और वीडियो बना लेते हैं।
इसके बाद ठग इन दोनों वीडियो को आपस में जोड़कर संबंधित व्यक्ति को भेजकर ब्लैकमेलिंग शुरू कर देते हैं। इसके अलावा व्हाट्सएप वीडियो कॉल के जरिये भी ऐसे ही ब्लैकमेल किया जाता है। वर्चुअल सेक्स एक्टिविटी में लोगों को फंसाकर उन्हें सार्वजनिक करने की धमकियां दी जाती हैं। इसके बदले मोटी रकम मांगी जाती है। बहुत से लोग ठगों को रकम दे भी देते हैं। एसटीएफ के मुताबिक उत्तराखंड में भी इस तरह के मामले अब बढ़ने लगे हैं।
कई मामलों में तो ठग सीधे ब्लैकमेल करते हैं लेकिन बहुत से मामलों में उन्हें और डराया जाता है। कुछ ठग खुद को व्हाट्एसप, फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि प्लेटफार्म का अधिकारी बताते हैं। फिर व्यक्ति से कहा जाता है कि यह सब सामग्री उनके (व्यक्ति के) माध्यम से हमारे प्लेटफार्म पर पहुंची है लिहाजा पुलिस से शिकायत की जा रही है। इस डर में व्यक्ति उन ठगों के झांसे में आ जाते हैं।
एक तिहाई ही आते हैं पुलिस के पास
पुलिस के पास इस तरह के मामलों में बेहद ही कम शिकायतें आती हैं क्योंकि सामाजिक प्रतिष्ठा खराब होने के डर से अधिकतर लोग चुपचाप ठगों के खातों में रकम जमा करा देते हैं। पुलिस के अनुसार ऐसे मामलों में करीब 30 फीसदी लोग ही पुलिस के पास पहुंचते हैं। बीते एक साल में राजधानी देहरादून में ऐसे करीब 50 मामले दर्ज हो चुके हैं।
ऐसे बचें इस झमेले से
- अंजान नंबर की वीडियो कॉल न उठाएं।
- पॉर्न साइट पर सर्फिंग न करें।
- केवल सेफ वेबसाइट को ही खोलें।
- जिन वेबसाइट के यूआरएल से पहले ताला बना होता है उन्हीं वेबसाइट पर जाएं।
- लाल रंग से ताले के निशान कटे होने वाली वेबसाइट को खोलने से बचें।
- फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करने से पहले उसकी पूरी तरह से जांच कर लें।
- यदि कोई ब्लैकमेल करता है तो इसकी बेझिझक साइबर पुलिस से शिकायत करें।
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